"द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी": अवतरणों में अंतर

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'''द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी''' (१ दिसम्बर १९१६ - २९ अगस्त १९९८) [[हिन्दी]] के साहित्यकार थे। उन्होंने बाल साहित्य पर 26 पुस्तकें लिखीं जिससे वे 'बच्चों के गांधी' भी कहलाते हैं। उनकी कविताएं आज भी बच्चों के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल हैं। हर रचना से बाल मन आज भी प्रेरित होता है। उनकी अधिकांश रचनाएं देश प्रेम, वीरता, प्रकृति आदि पर आधारित हैं। बच्चों के कवि सम्मेलन का प्रारम्भ और प्रवर्तन करने वालों के रूप में द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी का योगदान अविस्मरणीय है। वह [[उत्तर प्रदेश]] के शिक्षा सचिव थे। उनकी अध्यक्षता में 500 बाल कविताओं की रचना हुई थी। हिंदी की इन कविताओं को स्कूलों में पढ़वाना व अंग्रेजी की कविताओं की जगह स्थापित करना इसका उद्देश्य था।<ref>[https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/agra/five-hundred-children-poems-written-in-hindi-under-dwarka-prasad-maheshwari-presided-in-agra हिंदी हैं हम : द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की अध्यक्षता में हुई थी 500 बाल कविताओं की रचना]</ref>
 
इलाहाबाद में ही माहेश्वरी जी ने 'गुंजन' नामक संस्था भी बनाई, जिसकी गोष्ठियाँ [[हिंदी साहित्य सम्मेलन]] के कक्ष में समय-समय पर होती रहती थीं।
माहेश्वरी जी भी काव्यमंचों पर कवितापाठ भी करते थे तथा उन्होंने श्रोताओं से भूरि भूरि सराहना पाई।