"विदुर": अवतरणों में अंतर
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→विदुर का धृतराष्ट्र तथा गान्धारी को उपदेश एवं वनगमन: व्याकरण में सुधार टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
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पंक्ति 37:
"अब मैं तुम्हें बताता हूँ कि वे आज से पाँचवे दिन अपने शरीर को त्याग देंगे। वन में अग्नि लग जाने के कारण वे उसी में भस्म हो जायेंगे। उनकी साध्वी पत्नी [[गांधारी]] भी उसी अग्नि में प्रवेश कर जायेंगी। फिर विदुर जी वहाँ से तीर्थयात्रा के लिये चले जायेंगे। अतः तुम उनके विषय में चिंता करना त्याग दो।" इतना कह कर देवर्षि नारद आकाशमार्ग से स्वर्ग के लिये प्रस्थान कर गये। युधिष्ठिर ने देवर्षि नारद के उपदेश को समझ कर शोक का परित्याग कर दिया।
विदुर के जन्म संबंधी स्पष्ट जानकारी कंही नहीं मिलती है! अधूरी जन्म जानकारी..
==इन्हें भी देखें==
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