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→‎अष्टछाप कवि: सुरदास के जन्म और मृत्यु का सन।
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== अष्टछाप कवि ==
अष्टछाप कवियों के अंतर्गत [[पुष्टिमार्ग|पुष्टिमार्गीय]] आचार्य वल्लभ के काव्य कीर्तनकार चार प्रमुख शिष्य तथा उनके पुत्र विट्ठलनाथ के भी चार शिष्य थे। आठों ब्रजभूमिव्रज भाषा के निवासी थे और [[श्रीनाथ]]जी के समक्ष गान रचकर गाया करते थे। उनके गीतों के संग्रह को "अष्टछाप" कहा जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ आठ मुद्रायें है। उन्होने ब्रजभाषा में [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] विषयक भक्तिरसपूर्ण कविताएँ रचीं। उनके बाद सभी कृष्ण भक्त कवि [[बृज भाषा|ब्रजभाषा]] में ही कविता रचने लगे। अष्टछाप के कवि जो हुये हैं, वे इस प्रकार से हैं:-
 
* [[कुम्भनदास|कुम्भनदास]] (1448 ई. -1582 ई)