"ऑक्सैलिक अम्ल": अवतरणों में अंतर

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पेनीसीलियम और एर्स्पेगिलस फफूंदें शर्करा से आक्सैलिक अम्ल बनाती हैं। यदि [[कैल्सियम कार्बोनेट]] डालकर विलयन का [[पीएच]] ६-७ के बराबर रखा जाए तो लगभग ९० प्रतिशत शर्करा, कैल्सियम आक्सैलेट में बदल जाती है।
 
मानव गुर्दे मैं कैल्सियम ऑक्जेलेट के एकत्रित हो जाने के कारण ही पथरी(स्टोन) की बीमारी पैदा होती है। यह सबसे ज्यादा चोलाई में पाया जाता है। यह इमली अंगूर केला ऑरेंज में पाया जाता है। यह कफ सीरप उर्वरक बनाने के काम आता है।
 
== गुणधर्म ==
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आक्सैलिक अम्ल को गरम करने पर यह [[फार्मिक अम्ल]], [[कार्बन डाइ-आक्साइड]], [[कार्बन मोनोक्साइड]] और पानी में विच्छेदित हो जाता है। सांद्र [[सल्फ्यूरिक अम्ल]] द्वारा यह विच्छेदन कम ताप पर ही होता है और इस दिशा में बना फार्मिक अम्ल, कार्बन मोनोक्साइड और पानी में विच्छेदित हो जाता है।
 
आक्सैलिक अम्ल आठ भाग पानी में विलेय है। १५०° सें. तक गरम करने पर इसका [[मणिभ]] जल (वाटर ऑव क्रिस्टैलाइज़ेशन) निकल जाता है। जलयोजित अम्ल का गलनांक १०१° सें. और निर्जलीकृत अम्ल का गलनांक १८९° सें. है। नार्मल ब्यूटाइल ऐलकोहल के साथ आसुत (डिस्टिल) करने पर ब्यूटाइल एस्टर बनता है, जिसका [[क्वथनांक]] २४३° सें. है। आक्सैलिक अम्ल के पैरा-नाइट्रोबेंज़ाइल एस्टर का क्वथनांक २०४° सें., ऐनिलाइड का गलनांक २४५° सें. और पैराटोल्यूडाइड का गलनांक २६७° सें. है।
 
== स्रोत ==
यह कुछ पौधों में पाया जाता है। सोडियम फॉर्मेट को उच्च ताप पर गर्म करके अम्लीकरण करके प्राप्त होता है।
 
== प्रयोजन ==
रंजकों रासायनों आदि के बनाने तथा स्याही मिटाने और अभिकर्मक रूप में प्रयुक्त होता है। यह अत्यंत विषैला अम्ल है। अमरूद में पाया जाता है‍‌।
 
== देखें ==