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[[चित्र:glucose meters.jpg|right|thumb|300px|ग्लूकोज़ मीटर की चार पीढियां, (१९९३-२००५)। इनमें नमूने का माप ३०-०.३ μl और परीक्षण समय ५ सेकंड से २ मिनट तक रहता है। (आधुनिक मीटरों में ५ सें. में परिणाम मिल सकते हैं।]]
'''ग्लूकोज़मीटर''' ([[अंग्रेज़ी भाषा{{Lang-en|अंग्रेज़ी]]:''सेल्फ मॉनिटरिंगSelf-Monitoring ऑफof ब्लडBlood ग्लूकोज'',Glucose लघु:एसएमबीजी(SMBG)}}) वह उपकरण होता है, जिसके द्वारा [[रक्त]] में [[ग्लूकोज़|ग्लूकोज]] की मात्रा ज्ञात की जाती है।<ref>[http://jansanchaar.in/index.php?option=com_content&view=article&id=1864:hello-sirsa-dr-gn-verma&catid=1:sirsa-news&Itemid=54 पैथोलॉजिकल लैब में एक प्रशिक्षित पैथोलोजिस्ट का होना अनिवार्य] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20160305004136/http://jansanchaar.in/index.php?option=com_content&view=article&id=1864:hello-sirsa-dr-gn-verma&catid=1:sirsa-news&Itemid=54 |date=5 मार्च 2016 }}। जनसंचार.इन</ref> यह उपकरण [[मधुमेह]]-रोगियों के लिये अत्यंत लाभदायक होता है। इस उपकरण के प्रयोग से रोगी अपने घर पर ही स्वयं बिना किसी की सहायता के नियमित अंतराल में [[रक्त शर्करा|रक्त-शर्करा]] की जांच घर पर ही कर सकते हैं।<ref name="हिन्दुस्तान">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-96819.html ग्लूकोमीटर]। हिन्दुस्तान लाइव। १२ फ़रवरी २०१०</ref><ref name="नवभारत">[http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/5030931.cms?prtpage=1 चीनी कम, तो क्या गम]। नवभारत टाइम्स। २० सितंबर २००९</ref> इसकी खोज १९७० में हुई थी, लेकिन १९८० के दशक के आरंभ आते-आते इसका प्रचलन काफी बढ़ गया। ग्लूकोमीटर के आविष्कार के पहले मधुमेह को मूत्र परीक्षण के आधार पर मापा जाता था। यह [[मानक एलेक्ट्रोड विभव|विद्युत-रासायनिक]] तकनीक के आधार पर काम करता है। इसके अलावा [[हायपर ग्लाईसीमिया|हाइपोग्लाइसीमिया]] (उच्च रक्त-शर्करा) के स्तर को मापने के लिए भी इसका प्रयोग होता है।
 
ग्लूकोमीटर में लेंसट के माध्यम से एक बूंद [[रक्त]] लेने के बाद उसे एकप्रयोज्य परीक्षण पट्टी (''डिस्पोज़ेबल टेस्ट स्ट्रिप'') में रखते हैं जिसके आधार पर यह उपकरण रक्त का शर्करा-स्तर मापता है।<ref name="हिन्दुस्तान"/> उपकरण शर्करा स्तर बताने में ३ से ६० [[सेकेंड]] का समय लेता है। यह अंतराल प्रयोग किये जा रहे मीटर पर निर्भर करता है। वह इसे मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर या मिलीमोल प्रति लीटर के रूप में प्रदर्शित करता है। ग्लूकोमीटर के मुख्य भाग परीक्षण पट्टी, कोडिंग, प्रदर्शक व क्लॉक मेमोरी हैं। परीक्षण पट्टी में एक [[रसायन]] लगा होता है जो रक्त की बूंद में उपस्थित शर्करा से क्रिया करता है। कुछ मॉडलों में [[प्लास्टिक]] पट्टी होती है, जिसमें शर्करा ऑक्सीडेज का प्रयोग होता है।