"नागरिक शास्त्र": अवतरणों में अंतर

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/* नागरिकशास्त्र का इतिहास
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छात्रो को प्रदान करता है। माध्यमिक शिक्षा आयोग के शब्दों में, “लोकतन्त्र तब तक सफलतापूर्वक कार्य नहीं कर सकता है जब तक कि उसके सभी सदस्य जनता के अधिकांश भाग को अपने उत्तरदायित्वों का निर्वाह करने हेतु सक्षम नहीं बनाते । जनता अपने दायित्वों का निर्वाह तभी कर सकती है जब उसे अनुशासन एव नेतृत्व करने की कला का भी प्रशिक्षण दिया जाये ।”
 
उपरोक्त सभी बातों से स्पष्ट होता है कि नागरिकशास्त्र विषय हमारे लिए बहुत ही उपयोगी है चूँकि जहाँ एक ओर यह व्यक्ति का सामाजिक व नागरिक दृष्टि से विकास करता है, वहीं यह उसे जीवन को इस योग्य बनाने में भी मदद देता है कि छात्र अपने जीवन की सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक समस्याओं का समाधान करें व वातावरण के साथ अनुकूलन स्थापित करें। वास्तव में नागरिकशास्त्र एक सामाजिक विधा है । यह व्यक्ति के चरित्र का विकास करती है और उसे आदर्श नागरिक बनने में सहयोग प्रदान करती है। यह विषय मानव समाज के कल्याण हेतु अति आवश्यक है ।
 
==इन्हें भी देखें==