"परमाणु नाभिक": अवतरणों में अंतर

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[[Image:Helium atom QM.svg|right|thumb|300px|[[हिलियम]] परमाणु का सरलीकृत निरूपण। नाभिक परमाणु के केन्द्र में है जिसमें प्रोटॉनों को लाल रंग से दिखाया गया है जबकि न्यूट्रानों को नीले रंग से। वास्तव में परमाणु का नाभिक भी सममित तथा गोलाकार होता है।]]
'''नाभिक''', [[परमाणु]] के मध्य स्थित धनात्मक वैद्युत आवेश युक्त अत्यन्त ठोस क्षेत्र होता है।''' नाभिक''', नाभिकीय कणों [[प्रोटॉन]] तथा [[न्यूट्रॉन]] से बने होते है। इस कण को नूक्लियान्स कहते है। प्रोटॉन व न्यूट्रॉन दोनो का द्रव्यमान लगभग बराबर होता है और दोनों का आंतरिक कोणीय संवेग (स्पिन) १/२ होता है। प्रोटॉन इकाई विद्युत आवेशयुक्त होता है जबकि न्यूट्रॉन अनावेशित होता है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन दोनो न्यूक्लिऑन कहलाते है।''' नाभिक''' का व्यास (10<sup>−15</sup> मीटर)(हाइड्रोजन-नाभिक) से (10<sup>−14</sup> मीटर)(युरेनियम) के दायरे में होता है। परमाणु का लगभग सारा द्रव्यमान''' नाभिक''' के कारण ही होता है, [[इलेक्ट्रॉन|इलेक्ट्रान]] का योगदान लगभग नगण्य होता है। सामान्यतः ''' नाभिक''' की पहचान परमाणु संख्या '''Z''' (प्रोटॉन की संख्या), न्यूट्रॉन संख्या''' N''' और द्रव्यमान संख्या''' A'''(प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन संख्या) से होती है जहाँ''' A = Z + N'''। नाभिक के व्यास की परास "फर्मी" के कोटि की होती है। न्यूट्रॉन की संख्या=A-Z होता है।हैAA
 
इनके अलावा नाभिक के कई गुण होते हैं जैसे आकार, आकृति, बंधन ऊर्जा, कोणीय संवेग और अर्द्ध-आयु इत्यादि।
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नाभिक का व्यास परमाणु के व्यास''' १०<sup>−१०</sup>''' मीटर की अपेक्षा बहुत कम होता है, इसलिए परमाणु के भीतर नाभिक बहुत ही कम आयतन घेरता है।
 
नाभिक धन आवेशित होने के साथ- साथ अति सघन और दृष्ट है साथ ही परमाणु की संपूर्ण भाग नाभिक के कारण ही होता है
नाभि का आयतन परमाणु के आयतन से बहुत ही कम होता है
 
=== आकृति ===
कुछ नाभिकों की आकृति गोलाकार होती है जबकि कुछ की आकृति थोडी दबी हुई विकृत होती है।pritanहै।
 
=== बंधन ऊर्जा ===