"ज़ुहर की नमाज": अवतरणों में अंतर

→‎क़ुरआन और हदीस में जुहर की नमाज का समय: जोहर का समय मध्यान्ह के बाद होता है
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"और उसी के लिए प्रशंसा है आकाशों और धरती में - और पिछले पहर और जब तुम पर दोपहर हो" (क़ुरआन 30:18) 
 
"नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने नमाज़ के समय का उल्लेख अपने इस कथन के द्वारा किया है : "ज़ुहर की नमाज़ का वक़्त उस समय है जब सूर्य ढल जाये और (उस वक़्त तक रहता है जब) आदमी की छाया उसकी लंबाई के बराबर हो जाये जब तक कि अस्र की नमाज़ का वक्त न आ जाये" (सही मुस्लिम , हदीस संख्या : 612) मध्यान्ह

सूर्यास्त के बाद शुरू होता है और तब तक रहता है जब तक कि दोपहर के समय हर चीज़ की छाया दोगुनी हो जाती है।
शहरों में अधिकतर कार्यालयों की छुट्टी के समय दोपहर 1 से 2 बजे के बीच पढ़ते हैं।<br>
तैयारी के लिए [[अज़ान]] लगभग आधा घंटे पहले दी जाती है।
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<nowiki>*</nowiki>2 रकात सुन्नत (मौक़ीदा)
 
<nowiki>*</nowiki>24 रकात [[नफ़्ल नमाज़|नफिल]]
 
सुन्नत मौकीदा : इस्लामिक [[शरीयत]] में, [[सुन्नत]] वह प्रथा है जो पैगंबर या पैगंबर के साथियों ने आम तौर पर और अक्सर की और उसके करने को मना न किया हो। इस का रित्याग का कारण पाप है और परित्याग की आदत अवज्ञा है