"अमीर ख़ुसरो": अवतरणों में अंतर
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: ''गोरी सोये सेज पर, मुख पर डाले केश''
: ''चल खुसरू घर अपने, रैन भई चहूँ देश''
-अमीर खुसरू
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: ''खुसरो दरिया प्रेम का,सो उलटी वा की धार''
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