"अफ़ीम युद्ध": अवतरणों में अंतर
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== पृष्ठभूमि ==
१६वीं शताब्दी में चीन और यूरोप के बीच सीधा समुद्री व्यापार शुरु हो गया था। पुर्तगालियो के भारत में [[गोवा]] उपनिवेश बनाने के बाद, जल्द ही मकाउ भी अनुसरण करते हुए दक्षिणी-चीन मे अपना उपनिवेश बनाया। स्पेन ने जब फिलिपीन (Philippines) पर अधिकार कर लिया तब तब चीन और पश्चिम देशो के बीच लेन-देन बड़ी तेज़ी से और बड़े नाट्कीय तरीके से बढ़ा। मनीला गैलिओन्स (Manila galleons यह व्यापार के जहाज जो कि फिलिपीन और स्पेन के बीच चलते थे) इतना चाँदी का सामान चीन लाते थे जितना की वो प्राचीन धरती एशिया (the Silk Road) मे लाते थे। [[चिंग राजवंश]] (जिसे कभी-२ मान्चू राजवंश के नाम से जाना है, इन्होने १६४४-१९११ के बीच चीन मे राज किया।)
चीन ने 1798 के एक राजआदेश में ही अफ़ीन का सेवन प्रतिबंधिकत कर दिया था।
चीनी परंपरा में संपूर्ण संसार पाँच संकेन्द्रीय वृत्तों में बंटा था। अदर के तीन वृत्त चीनी और उनके पड़ोसियों (मंगोल, तिब्बती, थाई आदि) से आबाद था और बाहरी दो वृत्तों में बाहर और "दूर की बर्बर जातियाँ" रहती थी। परंपरा के अनुसार अंदर के तीन वृत्त के लोगों को ही स्वर्ग से शासन का अधिकार मिला है। इस प्रकार ब्रिटिश, चीनी शासन और जनता की नज़र में, सैनिक दृष्टि से हीन समझे जाते थे। लेकिन जब चीनी सम्राट ने उनके व्यापार को सीमिक और प्रतिबंधित करना चाहा तो अंग्रेज़ों ने उसका पहले राजनयिक और फिर सैनिक विरोध किया। राजनयिक विरोध तो कई बार अनसुनी कर दी गई - कई बार ये सोचकर कि ब्रिटिश बर्बर हैं। लेकिन सन् 1839 के बाद धारे धीरे सैनिक संघर्ष आरंभ हो गया।
== युद्ध ==
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