"ईश्वर": अवतरणों में अंतर

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=== वैदिक धर्म (हिन्दू धर्म) ===
{{मुख्य|वैदिक|हिन्दू}}
पंथ व मत को कोई महापुरुष चलातें है जबकिजैसे- इस्लाम को मुहम्मद साहब(SAW) ने , खालसा(सिख) पंथ को गुरुनानक देव जी ने, क्रिस्चियन पंथ को जीसस ने लेकिन इतिहास व प्राचीन पुस्तको में कोई भी प्रमाण नही है कि वैदिक धर्म को किसी महापुरुष ने चलाया बल्कि यह आदिकाल से अनवरत चला आ रहा एकमात्र धर्म है। धर्म आदिकाल से चला आ रहा है अतः इसे धर्म कहा जाता है पंथ नही । (हिन्दुओ) की पवित्र धार्मिक पुस्तक [[वेद]] के अनुसार ईश्वर स्वयंसिद्ध सत्ता है। उसी में यह सम्पूर्ण विश्व समाया है। उसका निज नाम प्रणव है। वैदिक और पाश्चात्य मतों में परमेश्वर की अवधारणा में यह गहरा अन्तर है कि वेद के अनुसार ईश्वर भीतर और परे दोनों है जबकि पाश्चात्य धर्मों के अनुसार ईश्वर केवल परे है। ईश्वर परब्रह्म का सगुण रूप है।
 
सनातनी(हिन्दुओ) में अनेक जनसमुदाय एक ही ईश्वर को अनेक नामो से जानता व पूजता है। जैसे वैष्णव लोग [[विष्णु]] को ही ईश्वर मानते है, तो शैव [[शिव]] को।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/ईश्वर" से प्राप्त