"ऊतक": अवतरणों में अंतर
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* (ख) अस्थि ऊतक,
* (ग) लस ऊतक तथा
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रुधिर ऊतक के, लाल रुधिरकणिका तथा श्वेत रुधिरकणिका, दो भाग होते हैं। लाल रुधिरकणिका ऑक्सीजन का आदान प्रदान करती है तथा श्वेत रुधिरकणिका रोगों से शरीर की रक्षा करती है। मानव की लाल रुधिरकोशिका में न्यूक्लियस नहीं
अस्थि ऊतक का निर्माण अस्थिकोशिका से, जो चूना एवं फ़ॉस्फ़ोरस से पूरित रहती है, होता है। इसकी गणना हम स्केलेरस ऊतक में करेंगे,
लस ऊतक लसकोशिकाओं से निर्मित है। इसी से लसपर्व तथा टॉन्सिल आदि निर्मित हैं। यह ऊतक शरीर का रक्षक है। आघात तथा उपसर्ग के तुरंत बाद लसपर्व
वसा ऊतक दो प्रकार के होते हैं : '''एरिओलर''' तथा '''एडिपोस'''।
इनके अतिरिक्त (1) पीत इलैस्टिक ऊतक, (2) म्युकाइड ऊतक, (3) रंजक कणकित संयोजी ऊतक, (4) न्युराग्लिया आदि भी संयोजी ऊतक के कार्य, आकार
=== पेशी ऊतक ===
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=== स्थाई ऊतक ===
*(१) सरल ऊतक
**(क) म्रदोत्क ऊतक (पैरेन्काइमा)
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