"मरीचिका": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Fatamorganarp.png|right|250px|thumb|गर्मी में मरीचिका]]
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इस घटना की व्याख्या [[प्रकाश]] के [[अपवर्तन]] के सिद्धांत के आधार पर की जाती है। जब [[पृथ्वी]] की सतह से सटी हुई हवा की परत गरम हो जाती है, तब वह विरल हो जाती है और ऊपर की ठंढी परतों की अपेक्षा कम
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