"गढ़ मुक्तेश्वर": अवतरणों में अंतर
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== पौराणिक महत्त्व ==
[[भागवत पुराण]] व [[महाभारत]] के अनुसार यह कुरु की राजधानी [[हस्तिनापुर]] का भाग था। आज पर्यटकों को यहाँ की ऐतिहासिकता और आध्यात्मिकता के साथ-साथ प्राकृतिक सुन्दरता भी खूब लुभाती है। मुक्तेश्वर शिव का एक मन्दिर और प्राचीन शिवलिंग कारखण्डेश्वर यहीं पर स्थित है। [[काशी]], [[इलाहाबाद|प्रयाग]], [[अयोध्या]] आदि तीर्थों की तरह 'गढ़ मुक्तेश्वर' भी पुराण उल्लिखित तीर्थ है। [[शिव पुराण|शिवपुराण]] के अनुसार 'गढ़ मुक्तेश्वर' का प्राचीन नाम 'शिव वल्लभ' (शिव का प्रिय) है, किन्तु यहाँ भगवान मुक्तीश्वर (शिव) के दर्शन करने से अभिशप्त शिवगणों की पिशाच योनि से मुक्ति हुई थी, इसलिए इस तीर्थ का नाम 'गढ़ मुक्तीश्वर' (गणों की मुक्ति करने वाले ईश्वर) विख्यात हो गया। [[पुराण]] में भी उल्लेख है- ''गणानां मुक्तिदानेन गणमुक्तीश्वर: स्मृत:।''
== व्यापार ==
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