"प्राणायाम": अवतरणों में अंतर

टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
Reverted to revision 5298482 by Ts12rAc (talk): Reverted (TwinkleGlobal)
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
पंक्ति 186:
== अग्निसार क्रिया ==
 
सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन में बैठें। यह क्रिया में कपालभाती प्राणायाम जैसा नहीं है, बार बार साँस बाहर नहीं करनी है। सास को पूरी तरह बाहर निकालने के बाद बाहर ही रोक कर पेट को आगे पीछे करना है।
 
=== लाभ ===
पंक्ति 197:
 
== उज्जायी प्राणायाम ==
सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन में बैठें। सीकुडे हुवे गले से सास को अन्दर लेना है।
सबसे पहले पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं अब अपनी दोनों नासिका छिद्र से सांस को अंदर की ओर खींचे की हवा फेफड़ों में भर जाए फिर जितना हो सके रोककर रखें। सांस लेते समय अपने कंठ द्वार को संकुचित करें और ऐसा अनुभव करें कि सांस गले से आ-जा रहा है। ऊपर बताया के तरीके से दाएं और बाएं दोनों नासिका के माध्यम से श्वास लेना है। इस तरह का एक चक्र पूरा होता है और इसे 10 से 15 मिनट तक करें।
 
=== लाभ ===