"इन्द्र": अवतरणों में अंतर

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ऋग्वेद में उल्लिखित इन्द्र के 'हरिश्मश्रु' होने का कथात्मक समर्थन महाभारत में भी मिलता है। यहाँ कहा गया है कि गौतम के शाप के कारण ही इन्द्र को हरिश्मश्रु (हरी दाढ़ी-मूँछों से युक्त) होना पड़ा।<ref>पूर्ववत्-12.342.23.</ref>
 
ये ही अर्जुन के पिता थे। वृत्रासुर के भय से सभी देवताओं ने अपनी शक्तियाँ इन्हें समर्पित कर दी थी। इसलिए अर्जुन को उनसे ही दिव्यास्त्र प्राप्त करने के लिए कहा गया।<ref>पूर्ववत्-3.37.14,49.</ref> इनसे सम्बन्धित अनेक कहानियाँ महाभारत में दी गयी हैं। महाभारत में [[अर्जुन]] के वास्तविक पिता इंद्र ही थे |
 
== इन्द्र एक 'पद' का नाम ==