"राजा बीरबल": अवतरणों में अंतर

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| issue = सौदामणि (पुत्री)
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'''महेश दास''', (1528 — 16 फरवरी 1586) जो '''बीरबल''' के नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं, मुगल बादशाह [[अकबर]] के दरबार में प्रमुख वज़ीर और [[अकबर]] के परिषद के नौ सलाहकारों ([[अकबर के नवरत्न|नवरत्नों]]<nowiki/>में से एक थे। उनका जन्म महर्षि कवि के वंशज भट्ट ब्राह्मण परिवार में हुआ था वह बचपन से ही तीव्र बुद्धि के थे। प्रारम्भ में ये पान का सौदा बेचते थे। जिसे सामान्यतः "पनवाड़ी" (पान बेचने वाला) कहा जाता है। बचपन में उनका नाम महेश दास था। उनकी बुद्धिमानी के हजारों किस्से हैं जो बच्चों को सुनाए जाते हैं। माना जाता है कि 16 फरवरी 1586 को अफगानिस्तान के युद्ध में एक बड़ी सैन्य मंडली के नेतृत्व के दौरान बीरबल की मृत्यु हो गयी। हाजिर जवाबी में तो बादशाह अकबर के चहेते नवरत्नों में से एक बीरबल अव्वल रहे ही, वे अपनी तीव्र बुद्धि से उन पहिलियो को भी सुलझा दिया करते थे, जिन्हें सुलझाने की ताकत समूचे विश्व के किसी भी विद्वान में नहीं थी। उन्हें करामकल्ला बहुत पसंद था। र
 
==बचपन==