"बाबरनामा": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Baburnama.jpg|thumb|220px|बाबरनामा से एक दृश्य]]
(<small>[[चग़ताई भाषा|चग़ताई]]/[[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]]: {{Nastaliq|ur|بابر نامہ}}</small>) या '''तुज़्क-ए-बाबरी''' [[मुग़ल साम्राज्य]] के पहले सम्राट [[बाबर]] की आत्मलिखित जीवनी है। यह उन्होंने अपनी मातृभाषा [[चग़ताई भाषा|चग़ताई तुर्की]] में लिखी थी। इसमें उन्होंने अपना [[उज़्बेकिस्तान]] की [[फ़रग़ना वादी]] में गुज़ारा हुआ बचपन और यौवन, बाद में [[अफ़ग़ानिस्तान|अफ़्ग़ानिस्तान]] और [[भारतीय उपमहाद्वीप]] पर आक्रमण और क़ब्ज़ा और अन्य घटनाओं का विवरण दिया है। उन्होंने हर क्षेत्र की भूमि, राजनीति, अर्थव्यवस्था, प्राकृतिक वातावरण, शहरों-इमारतों, फलों, जानवरों, इत्यादि का बखान किया है। इसमें कुछ [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] भाषा के छोटे-मोटे छंद भी आते हैं, हालांकि फ़ारसी बोलने वाले इसे समझने में अक्षम हैं। हालांकि चग़ताई भाषा विलुप्त हो चुकी है आधुनिक [[उज़्बेक भाषा|उज़बेक भाषा]] उसी की वंशज है और उसे बोलने वाले [[उज़बेक लोग]] बाबरनामा पढ़ सकते हैं। इस किताब को चग़ताई और उज़बेक भाषाओं के साहित्य का एक महत्वपूर्ण अंग माना
== कुछ अंश ==
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