"मेघवाल": अवतरणों में अंतर
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[[File:Megh girls-3.jpg|thumb|मेघवाल स्त्रियों का समूह]]
'''मेघ,''' '''मेघवाल, या''' '''मेघवार''', (उर्दू:'''میگھواڑ''', सिंधी:'''ميگھواڙ''') लोग मुख्य रूप से उत्तर पश्चिम [[भारत]] में रहते हैं और कुछ आबादी [[पाकिस्तान]] में है। सन् 2008 में, उनकी कुल जनसंख्या अनुमानतः 2,807,000 थी, जिनमें से 2760000 भारत में रहते थे। इनमें से वे 659000 [[मारवाड़ी]], 663000 [[हिंदी]], 230000 [[डोगरी]], 175000 [[पंजाबी]] और विभिन्न अन्य क्षेत्रीय भाषाएँ बोलते हैं। एक [[अनुसूचित जाति]] के रूप में इनका पारंपरिक व्यवसाय बुनाई रहा है। अधिकांश [[हिंदू]] धर्म से हैं, ऋषि मेघ, [[कबीर]], रामदेवजी और गोसाई जी उनके प्रमुख आराध्य हैं। मेघवंश को राजऋषि वृत्र या मेघ ऋषि से उत्पन्न जाना जाता है।सिंधु सभ्यता के अवशेष (मेघ ऋषि की मुर्ति मिली) भी मेघो से मिलते है। हडप्पा,मोहन-जोद़ङो,कालीबंगा (हनुमानगढ),राखीगङी,रोपङ,शक्खर(सिंध),नौसारो(बलुचिस्तान),मेघढ़(मेहरगढ़ बलुचिस्तान)आदि मेघवंशजो के प्राचीन नगर हुआ करते थे। 3300ई.पू.से 1700ई.पू.तक सिंध घाटी मे मेघो की ही आधिक्य था। 1700-1500ई.पू.मे आर्यो के आगमन से मेघ, अखंड भारत के अलग अलग भागो मे बिछुङ (चले) गये । ये लोग बहुत शांत स्वभाव व प्रवृति के थे। इनका मुख्य साधन ऊंठ-गाङा व बैल-गाङा हुआ करता। आज मेघवालो को बहुत सारी उपजातीयो बांट रखा है जिसमे चौहान,सांवा ,गुलशन,बेरवाल, मेहरा, सोडा, जनागल कालवा,तंवर, सिगला, मंडाङ सिंहमार, पिंडार,भगत, बारुपाल, मिड़ल (मिरल),केम्मपाल, अहम्पा , पंवार, वनल ,पङिहार,लिलङ,जयपाल, ,चावणीया, तुर्किया,गाडी,देवपाल,जालानी
गोयल-मंगी,पन्नु, भाटिया, गोगली,गंढेर,दहीया,पुनङ,मुंशी,कोली,तांती,पान, कड़ेला
|url=http://www.tribuneindia.com/2009/20090119/region.htm.
|title=रीजनल ब्रीफ्स, पंजाब, अबोहर.
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