"राम": अवतरणों में अंतर
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हमने आपको बताया की परमात्मा के नाम को लिखा कैसे जाता है परमात्मा के नाम को क्यों लिखने मात्र से ही हमारा जीवन धन्य हो जाता है यह हमारे लिखने पर निर्भर करता है कि हम लिखते कैसे हैं परमात्मा के नाम में सर्वप्रथम श्री तथा अंत में जी का उपयोग अति आवश्यक है टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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image =Lord Rama with arrows.jpg
|caption =
| name =
| ¡sanskrit_transliteration = राम
| devanagari = राम
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| abode = [[अयोध्या]], [[बैकुण्ठ|वैकुण्ठलोक]] (परमधाम)
| siblings = [[भरत]], [[लक्ष्मण]], [[शत्रुघ्न]] और [[शांता]]
|other_names=
'''राम''' भगवान [[विष्णु]] के अवतार हैं, और इन्हें '''श्रीराम''' और '''श्रीरामचन्द्र''' के नामों से भी जाना जाता है। [[रामायण]] में वर्णन के अनुसार अयोध्या के सूर्यवंशी राजा, चक्रवर्ती सम्राट [[दशरथ]] ने पुत्रेश्टी यज्ञ (पुत्र प्राप्ती यज्ञ ) कराया जिसके फलस्वरूप उनके पुत्रों का जन्म हुआ। श्रीराम का जन्म देवी कौशल्या के गर्भ से अयोध्या में हुआ था। श्रीराम जी चारों भाइयों में सबसे बड़े थे। हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को श्रीराम जयंती या राम नवमी का पर्व मनाया [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] महाकाव्य [[रामायण]] के रूप में वर्णित हुआ है। रामायण में [[सीता]] के खोज में [[श्रीलंका]] जाने के लिए 48 किलोमीटर लम्बे 3 किलोमीटर चोड़े पत्थर के सेतु का निर्माण करने का उल्लेख प्राप्त होता है, जिसको [[रामसेतु]] कहते हैं ।
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