"समुच्चय सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Venn A intersect B.svg|right|thumb|300px|वेन-आरेख द्वारा दो समुच्चयों के सर्वनिष्‍ठ का सरल प्रदर्शन]]
Subhash Jakhar के अनुसार '''समुच्चय सिद्धान्त''' (set theory), [[गणित]] की एक शाखा है जो समुच्चयों का अध्ययन करती है। वस्तुओं के सुपरिभाषित (well defined) संग्रह (collection) को समुच्चय कहते हैं। यद्यपि '''समुच्चय''' के अन्तर्गत किसी भी प्रकार की वस्तुओं का संग्रह सम्भव है, किन्तु समुच्चय सिद्धान्त मुख्यतः गणित से सम्बन्धित समुच्चयों का ही अध्ययन करता है। स्थूल रूप से [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी]] समुच्चय के पर्याय 'सेट' (set), ऐग्रिगेट (aggregate), क्लास (class), डोमेन (domain) तथा टोटैलिटी (totality) हैं। समुच्चय में अवयवों का विभिन्न होना आवश्यक है।
 
[[प्रथम श्रेणी के तर्क]] (first-order logic) से सुव्यवस्थित (formalized) किया हुआ समुच्चय सिद्धान्त आज गणित का सर्वाधिक प्रयुक्त आधारभूत तन्त्र है। समुच्चय सिद्धान्त की भाषा गणित के लगभग सभी वस्तुओं (यथा- [[फलन]]) को परिभाषित करने के काम आती है। समुच्चय सिद्धान्त के आरम्भिक कांसेप्ट इतने सरल हैं कि इन्हें प्राथमिक विद्यालयों के पाठ्यक्रम में भी पढाया जा सकता है।