"रस (काव्य शास्त्र)": अवतरणों में अंतर

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: अखिल भुवन चर-अचर सब, हरि मुख में लिख मातु।
: चकित भई गद्गद बचना, विकसित दृग पुलकातु।।
By Atul Vishwakarma
 
==वीभत्स रस==