"भरत मुनि": अवतरणों में अंतर

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भरतमुनि का नाट्यशास्त्र अपने विषय का आधारभूत ग्रन्थ माना जाता है। कहा गया है कि भरतमुनि रचित प्रथम [[नाटक]] का अभिनय, जिसका कथानक 'देवासुर संग्राम' था, देवों की विजय के बाद [[इन्द्र]] की सभा में हुआ था। आचार्य भरत मुनि ने अपने नाट्यशास्त्र की उत्पत्ति [[ब्रह्मा]] से मानी है क्योंकि [[शिव|शंकर]] ने ब्रह्मा को तथा ब्रह्मा ने अन्य ऋषियों को काव्यशास्त्र का उपदेश दिया।
विद्वानों का मत है कि भरतमुनि रचित पूरा नाट्यशास्त्र अब उपलब्ध नहीं है। जिस रूप में वह उपलब्ध है, उसमें लोग काफी क्षेपक बताते हैं।
भरतमुनि रस सम्प्रदाय के प्रवर्तक थे
 
==इन्हें भी देखें==
*[[नाटक]]