"आलोचनात्मक चिन्तन": अवतरणों में अंतर

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===प्रभावकता===
सन १९९५ में [[उच्च शिक्षा]] की प्रभावकता से सम्बन्धित साहित्य का विश्लेषण करने से पता चला कि उच्च शिक्षा, उच्च शिक्षित नागरिकों की आवश्यकता की पूर्ति करने में असफल रही है। इस विश्लेषण का निष्कर्ष यह था कि यद्यपि प्राध्यापक विद्यार्थियों में चिन्तन के कौशलों को विकसित करने की इच्छा रखते हैं किन्तु वास्तविकता में वैसा नहीं हो पाता और विद्यार्थी प्रायः निम्नतम श्रेणी के चिन्तन का उपयोग करते हुए तथ्यों और कांसेप्ट को जानने का ही लक्ष्य रखते हैं।
 
==सार्वभौमिक बौद्धिक मानक==
समीक्षात्मक चिन्तन फाउण्डेशन के डॉ रिचर्ड पॉल और डॉ लिण्डा एल्डर ने सात बौद्धिक मानक बताये हैं जिनका उपयोग किसी समस्या, विषय या परिस्थिति से सम्बन्धित चिन्तन की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के लिए किया जाना चाहिये। समीक्षात्मक चिन्तन के लिए इन मानकों पर प्रवीणता प्राप्त करना होगा।
 
* स्पष्टता (clarity): कोई प्रस्ताव किस प्रकार दिया जाना चाहिये,
 
* यथार्थता (accuracy):
 
* परिशुद्धता (precision) :
 
* प्रासंगिकता/उपयुक्तता/औचित्य (Relevance) :
 
* गहराई (Depth) :
 
* आयाम (Amplitude) :
 
* तर्क (Logic)
 
==इन्हें भी देखें==