"खगोलीय गोला": अवतरणों में अंतर

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[[खगोल शास्त्र|खगोलशास्त्र]] में '''खगोलीय गोला''' [[पृथ्वी]] के इर्द-गिर्द एक काल्पनिक गोला है जो पृथ्वी के गोले के साथ संकेन्द्रीय (कॉन्सॅन्ट्रिक) होता है। इसके व्यास (डायामीटर) को पृथ्वी के व्यास से अधिक कुछ भी माना जा सकता है लेकिन उतना बड़ा मान लेना सही होगा जिस पर सूर्य चन्द्रमा और तारों को अंकित माना जा सके। पृथ्वी पर बैठकर आसमान में देख रहे किसी दर्शक के लिए कल्पना करना मुश्किल नहीं है के सारे [[खगोलीय पिंडों]] की छवियाँ इसी खगोलीय गोले की अंदरूनी सतह पर दिखाई जा रही हैं। अगर हम पृथ्वी के [[विषुवत वृत्त |विषुवत वृत्त]] के तल पर ही [[खगोलीय मध्य रेखा|खगोलीय मध्य वृत्त ]] और पृथ्वी के ध्रुवों के सीध में ही ही खगोलीय ध्रुवों को मान कर चलें, तो खगोलीय वस्तुओं के स्थानों के बारे में बताना आसान हो जाता है। उदहारण के लिए हम कह सकते हैं के [[ख़रगोश तारामंडल]] खगोलीय मध्य रेखा के ठीक दक्षिण में है।
 
[[खगोलीय मध्य रेखा|खगोलीय मध्य वृत्त]] खगोलीय गोले दो भागों में या दो गोलार्द्धों में विभाजित करता है । इन दो भागों में पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव की ओर का भाग '''उत्तरी खगोलीय गोलार्द्ध''' कहा जाता है , और पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव की ओर का भाग '''दक्षिणी खगोलीय गोलार्द्ध''' कहा जाता है। गोलार्द्धों और गोलार्ध दोनों शब्दों के एक ही अर्थ हैं।हैं , अर्ध गोला या आधा गोला।