"मणिपुरी साहित्य": अवतरणों में अंतर

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Ye Galat hai, kyonki manipuri bhasha Aur bishnupriya manipuri bhasha dono bangali lipi me likhi jati hai (Manipuri bhasha ke apne aap ke lipi hone ke sath sath.)
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मणिपुरी साहित्य की यात्रा १९२५ में [[फाल्गुनी सिंह]] द्वारा मीताई तथा बिष्णुप्रिया मणिपुरी भाषा की द्बिभाषिक सामयिकी ”जागरन” के प्रकाशन के रूप में आरम्भ हुआ। इसी समय और भी कई द्बिभाषिक पत्रिकाएँ प्रकाशित हुईं। इनमें "मेखली"(१९३३), "मणिपुरी" (१९३८), क्षत्रियज्योति (१९४४) इत्यदि अन्यतम हैं।
 
[[बंगाली लिपि|बांग्ला लिपि]] में लिखी जाने वाली मणिपुरी को [[बिष्णुप्रिया मणिपुरी|विष्णुप्रिया मणिपुरी]] भी कहा जाता है जो मेइतेइ भाषा से अलग है।
 
==प्रकाशित ग्रन्थावली==