"तत्सम": अवतरणों में अंतर

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{{स्रोतहीन|date=दिसम्बर 2020}}
'''तत्सम''' (तत् + सम = उसके समान) आधुनिक भारतीय भाषाओं में प्रयुक्त ऐसे शब्द जिनको संस्कृत से बिना कोई रूप बदले ले लिया गया है। [[हिन्दी]], [[बाङ्ला भाषा|बांग्ला]], [[कोंकणी भाषा|कोंकणी]], [[मराठी भाषा|मराठी]], [[गुजराती भाषा|गुजराती]], [[पंजाबी]], [[तेलुगू भाषा|तेलुगू]], [[कन्नड़ भाषा|कन्नड]], [[मलयालम भाषा|मलयालम]], [[सिंहली भाषा|सिंहल]] आदि में बहुत से शब्द [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] से सीधे ले लिए गये हैं क्योंकि इनमें से कई भाषाएँ संस्कृत से जन्मी हैं।
 
'''''नोट :-''''' गुजराती, बंगला, मराठी आदि से हिंदी में आए शब्द विदेशज की श्रेणी में ही आयेंगे।''आएंगे।
 
तत्सम शब्दों में समय और परिस्थियों के कारण कुछ परिवर्तन होने से जो शब्द बने हैं उन्हें तद्भव (तत् + भव = उससे उत्पन्न) कहते हैं। भारतीय भाषाओं में तत्सम और तद्भव शब्दों का बाहुल्य है। इसके अलावा इन भाषाओं के कुछ शब्द 'देशज' और अन्य कुछ 'विदेशी' हैं
 
हिंदी में सभी क्रियापद व सर्वनाम तद्भव हैं। सभी तद्भव शब्दों का तत्सम रूप होना अवश्यंभावी है।यह एक संस्कृत कि मुख भाषा कि तरह है। संस्कृत कि बोली भी कहते हैं।
Taद्भव शब्दों का तत्सम रूप होना अवश्यंभावी है।यह एक संस्कृत कि मुख भासा कि तरह् है. संसकृत कि बोली भी कहते है.
 
== हिन्दी में प्रयुक्त कुछ तत्सम कुमार शब्दों के तद्भव रूप ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/तत्सम" से प्राप्त