"अधिवर्ष": अवतरणों में अंतर

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'''अधिवर्ष''' (अंग्रेजी:'''लीप वर्ष'''), ऐसा वर्ष होता जिसमे एक दिन या एक माह (जैसा कि चान्द्र-सौर वर्ष में ) अधिक होता है। इसका उद्देश्य कलेण्डर या पंचांग के वर्ष को खगोलीय वर्ष के साथ बनाकर रखना है। कलेण्डर या पंचांग वर्ष में पूरे पूरे दिन ही हो सकते है लेकिन खगोलीय घटनाओं को लगने वाला समय पूरे पूरे दिनों में विभाजित नहीं हो पाता है। अगर अधिवर्ष नहीं रखे जाएँ तो वार्षिक प्राकृतिक घटनाएँ (जैसे मौसम ) पंचांग या कलेण्डर के सापेक्ष धीरे धीरे अलग समय पर होने लगेंगी । अधिवर्ष में एक दिन या महीन जोड़कर सामाजिक पंचांग और प्राकृतिक घटना के बीच समय का तारतम्य बना रहता है। जो वर्ष अधिवर्ष नहीं होते उनको सामान्य वर्ष कहा जाता है।
'''अधिवर्ष''' (अंग्रेजी:'''लीप वर्ष'''), लगभर हर चार [[वर्ष]] बाद आने वाला [[वर्ष]] है जिसमें 366 दिन होते हैं और फरवरी २९ दिनों की होती है।
 
[[ग्रेगोरियन कैलेंडर]] में अधिवर्ष ३६६ दिन का होता है जबकि सामान्य वर्ष ३६५ दिन का होता है।
दरअसल [[पृथ्वी]] [[सूर्य]] का चक्कर लगाने में 365 दिन और करीब 6 [[घंटा|घंटे]] लगाती है। ऐसा होने से हर चार साल में एक दिन अधिक हो जाता है, अतः प्रत्येक चार साल बाद [[फ़रवरी|फरवरी]] माह में एक दिन अतिरिक्त जोड़ संतुलन बनाये रखने की कोशिश की जाती है।
 
 
== एक चौथाई दिन और अधिवर्ष का सौर घटनाओं की तिथि पर प्रभाव ===
 
{{Solstice-equinox-sankranti}}
अधिवर्ष के नियम इस प्रकार हैं ,
 
एक चौथाई दिन और अधिवर्ष के कारण विषुव (दिन रात बराबर होना ) , मकर संक्रांति इत्यादि की तिथियों पर प्रभाव होता है जो इस सारणी से देखा जा सकता है। हम देख सकते हैं कि कैसे विषुवों , दिसम्बर अयनांत ( उत्तरायण का आरम्भ ) , जून अयनांत ( दक्षिणायन का आरम्भ ), और मकर संक्रांति चार वर्षों में एक दिन आगे बढ़ जाते हैं।
अधिवर्ष का उद्देश्य है दिसम्बर अयनांत की तिथि को २१ दिसम्बर पर बनाए रखना जिससे मौसम और कलेण्डर में सदैव तारतम्य बना रहे।
 
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|[[File:Gregoriancalendarleap solstice.svg]]<br>''This graph shows the variations in date and time of the [[Solstice|June Solstice]] due to unequally spaced "leap day" rules. Contrast this with the Iranian [[Solar Hijri calendar#Accuracy of the Birashk algorithm|Solar Hijri calendar]], which generally has 8 leap year days every 33 years.''
|}
 
== कलेण्डर अधिवर्ष के नियम ====
 
कलेण्डर अधिवर्ष के नियम इस प्रकार हैं ,
यदि चार से विभाजित नहीं होता तो वर्ष अधिवर्ष नहीं है ,
 
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अन्यथा यदि ४ से विभाजित होता है तो अधिवर्ष हैं
 
इसको सरल भाषा में ऐसे भी समझ जा सकता है कि शताब्दी वर्षों को छोड़कर चार से विभाजित होने वाले वर्ष अधिवर्ष होते हैं , लेकिन शताब्दी वर्ष तभी अधिवर्ष होते हैं जब वे ४०० से विभाजित होते हों।
 
 
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== एक चौथाई दिन और अधिवर्ष का सौर घटनाओं की तिथि पर प्रभाव ===
 
एक चौथाई दिन और अधिवर्ष के कारण विषुव (दिन रात बराबर होना ) , मकर संक्रांति इत्यादि की तिथियों पर प्रभाव होता है जो इस सारणी से देखा जा सकता है।
 
{{Solstice-equinox-sankranti}}