"अधिवर्ष": अवतरणों में अंतर
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एक चौथाई दिन और अधिवर्ष के कारण विषुव (दिन रात बराबर होना ) , मकर संक्रांति इत्यादि की तिथियों पर प्रभाव होता है जो इस सारणी से देखा जा सकता है। हम देख सकते हैं कि कैसे विषुवों , दिसम्बर अयनांत ( उत्तरायण का आरम्भ ) , जून अयनांत ( दक्षिणायन का आरम्भ ), और मकर संक्रांति चार वर्षों में एक दिन आगे बढ़ जाते हैं। ▼
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|[[File:Gregoriancalendarleap solstice.svg]]<br>'' इस ग्राफ में दिखाया गया है कि कैसे जून अयनांत के समय में बदलाव आता है और फिर कैसे अधिवर्ष के बाद कलेण्डर पुरानी स्थिति के समीप आता है , नीले बिंदु हर वर्ष में जून अयनांत का समय दर्शाते हैं, जो धीरे धीरे २१ जून से २२ जून हो जाता है लेकिन अधिवर्ष के बाद फिर से २१ जून हो जाता है। ''▼
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== कलेण्डर अधिवर्ष के नियम ====
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२१०० अधिवर्ष नहीं है
== वार्षिक सौर घटनाओं का समय ===
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▲|[[File:Gregoriancalendarleap solstice.svg]]<br>'' इस ग्राफ में दिखाया गया है कि कैसे जून अयनांत के समय में बदलाव आता है और फिर कैसे अधिवर्ष के बाद कलेण्डर पुरानी स्थिति के समीप आता है , नीले बिंदु हर वर्ष में जून अयनांत का समय दर्शाते हैं, जो धीरे धीरे २१ जून से २२ जून हो जाता है लेकिन अधिवर्ष के बाद फिर से २१ जून हो जाता है। ''
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