"बोल राधा बोल": अवतरणों में अंतर

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किशन मल्होत्रा ([[ऋषि कपूर]]) बड़ा व्यापारी है। उसके घर में उसकी माँ सुमित्रा ([[सुषमा सेठ]]‌) और चाचा शांति प्रसाद ([[आलोक नाथ]]) है। उसका चचेरा भाई भानू ([[मोहनीश बहल]]) कम्पनी में धोखाधड़ी करता है। वह उसे घर से निकाल देते हैं। एक नई फेक्टरी खोलने के लिये किशन एक गाँव में जाता है। वहाँ उसे सुंदर युवती राधा ([[जूही चावला]]) मिलती है। किशन और राधा धीरे-धीरे एक दूसरे के साथ प्यार में पड़ते हैं। किशन काम के बाद गांव (और राधा) छोड़ देता है और उससे वादा करता है कि वह वापस आ जाएगा। घर पर उसे पता चलता है कि उसकी माँ मर चुकी है और वहाँ तो पहले से किशन है जो उसका हमशक्ल है। उसको पाखंडी समझ कर घर से निकाल दिया जाता है।
 
किशन अपने ऑफिस में घुस जाता है और जानकारी इकट्ठा करता है। लेकिन उसे पकड़ लिया जाता है और जेल में डाल दिया जाता है। राधा भी शहर में आती है और नकली किशन को अय्याशी करते हुए देख गलत समझती है। उसी वक्त किशन गूँगा ([[शक्ति कपूर]]) की मदद से जेल से फरार होता है और राधा के साथ गोआगोवा पहुँचाता है। वहाँ उसे पता चलता है कि नकली किशन असल में टोनी ब्रैगैंजा (ऋषि कपूर) है जो एक क्लब में काम करता है। वहाँ वो उसके बारे में सारी जानकारी इकट्ठा कर लेता है। वह वापिस जाते हैं और राधा रीटा बनकर टोनी के यहाँ अंदर तक पहुँचती है। वह बदमाशों के बीच दरार पैदा करती है। गुस्से में टोनी अपने सहयोगियों को अपने तुरुप के इक्के की धमकी देता है।
 
अब नाराज साथी उसे खेल के पीछे असली आदमी के पास ले जाते हैं, जो किशन के चाचा है। अब, टोनी अपना तुरुप का इक्का दिखाता है - कि किशन की मां अभी भी जीवित है और उसके आदमियों ने उसे कैद में रखा है। टोनी उस स्थान पर जाता है जहां उसने किशन की मां को छुपाया है और उसे विश्वास दिलाता है कि वह किशन है। किशन भी वहां पहुँचता है। किशन की मां पता लगाती है कि उसका बेटा कौन है। बस तभी, सभी खलनायक टोनी के अड्डे में आ पहुँचते हैं। वहाँ हाथा-पाई में सभी पकड़े जाते हैं और सब ठीक हो जाता है।