*(१1) यह विश्व की सभी लिपियों से सभी संकेतों के लिए एक अलग कोड बिन्दु प्रदान करता है।
*(२2) यह वर्णों (कैरेक्टर्स) को एक कोड देता है, न कि ग्लिफ (glyph) को।
*(३3) जहाँ भी सम्भव यूनिकोड होता है, यह भाषाओं का एकीकरण करने का प्रयत्न करता है। इसी नीति के तहतअन्तर्गत सभी पश्चिम यूरोपीय भाषाओं को [[लातिन भाषा|लैटिन]] के अन्तर्गत समाहित किया गया है; सभी स्लाविक भाषाओं को सिरिलिक (Cyrilic) के अन्तर्गत रखा गया है; हिन्दी, संस्कृत, मराठी, नेपाली, सिन्धी, कश्मीरी आदि के लिएलिये 'देवनागरी' नाम से एक ही ब्लॉकखण्ड दिया गया है; चीनी, जापानी, कोरियाई, वियतनामी भाषाओं को 'युनिहान्' (UniHan) नाम से एक ब्लॉकखण्ड में रखा गया है; अरबी, फारसी, उर्दू आदि को एक ही ब्लॉकखण्ड में रखा गया है।
*(४4) बाएँबायें से दाएँदायें लिखी जाने वाली लिपियों के अतिरिक्त दाएँदायें-से-बाएँबायें लिखी जाने वाली लिपियों (अरबी, हिब्रू आदि) को भी इसमें शामिल किया गया है। ऊपर से नीचे की तरफ लिखी जाने वाली लिपियों का अभी अध्ययन किया जा रहा है।
*(५5) यह ध्यान रखना जरूरीआवश्यक है कि यूनिकोड केवल एक कोड-सारणी है। इन लिपियों को लिखने/पढ़ने के लिए [[इनपुट विधि|इनपुट मेथडमैथड एडिटर]] और [[मुद्रलिपि|फॉण्ट-फाइलें]] जरूरीआवश्यक हैं।