"बागमती": अवतरणों में अंतर

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[[File:Cremations on the Banks of Bagmati River.JPG|thumb|260px|बागमती नदी के किनारे दाह संस्कार का दृश्य]]
[[File:Bagmati River, 1950 - 1955.jpg|right|thumb|260px|बागमती नदी, 1950से 1955 के बीच]]
बागमती नदी [[हिमालय]] की महाभारत श्रेणियों में नेपाल से निकलती है। यह नदी [[नेपाल]] में लगभग 195 किलोमीटर की यात्रा तय कर के [[बिहार]] के [[सीतामढ़ी]] जिले में [[समस्तीपुर]]-[[नरकटियागंज]] रेल लाइन पर स्थित ढेंग रेलवे स्टेशन के 2.5 किलोमीटर उत्तर में [[भारत]] में प्रवेश करती है। [[बिहार]] में इस नदी की कुल लम्बाई 394 किलोमीटर है। [[नेपाल]] में इस नदी का कुल जल ग्रहण क्षेत्र 7884 वर्ग किलोमीटर है। ढेंग और बैरगनियाँ स्टेशन को जोड़ने वाली रेल लाइन पर बने पुल संख्या 89, 90, 91, 91A और 91B से होकर यह नदी दक्षिण दिशा में चलती है जहाँ लगभग 2.5 किलोमीटर नीचे भारत का जोरियाही नाम का पहला गाँव पड़ता है। यहाँ से 5 किलोमीटर दक्षिण चल कर बागमती शिवहर जिले के बखार चंडिहा और अदौरी गाँव की सीमा में आती है।ढेंग से बखार की दूरी साढे़ 11 कि॰मी॰ है और यहीं से थोड़ा और नीचे चल कर खोरीपाकड़【[पूर्वी चंपारण]] देवापुर गाँव के पास उसके दाहिने किनारे पर [[लालबकेया नदी]] में मिलती है। इस लम्बाई में नदी की प्रवृत्ति पश्चिम से होकर बहने की है मगर लालबकेया से उसका संगम स्थल प्रायः स्थिर रहता है। नदी की इस लम्बाई में बहुत ज्यादा परिवर्तन नहीं हुए हैं यद्यपि उसकी एक पुरानी धारा का जिक्र और रेखांकन जरूर मिलता है। [[बिहार]] के तराई क्षेत्रों में प्रवेश करने के बाद यह नदी बाढ़ के दिनों में अक्सर अपना प्रवाह मार्ग बदल लेती है। इस नदी में बाढ़ के कारण [[बिहार]] के [[सीतामढ़ी]], [[मुजफ्फरपुर|मुजफ़्फ़रपुर]], [[दरभंगा]] और [[मधुबनी]] ज़िलों में काफ़ी क्षति पहुँचाती है। इसकी सहायक नदियों में [[लाल बकेया नदी]], [[लखनदेई नदी]], [[चकनाहा नदी]], [[जमुने नदी]], [[सिपरीधार नदी]], [[छोटी बागमती]], [[कोला नदी]] आदि हैं। [[कोसी परियोजना]] के अन्तर्गत बागमती नदी को भी नियन्त्रित कर इस पर पुल और नये बाँध बनाए गए हैं। यह [[कमला नदी]] से मिलकर [[कोसी नदी]] में मिल जाती है। तराई के मैदानों को पार करती हुई बागमती नदी बिहार में प्रवेश करती है और 360 किलोमीटर दूरी तय करने के बाद दक्षिण-पूर्व की ओर बहती हुई [[बूढ़ी गंडक नदी]] में मिल जाती है।<ref>भारत ज्ञान कोश, खंड-4, प्रकाशक-पोप्युलर प्रकाशन मुंबई</ref>
 
 
बागमती नदी [[हिमालय]] की महाभारत श्रेणियों में नेपाल से निकलती है। यह नदी [[नेपाल]] में लगभग 195 किलोमीटर की यात्रा तय कर के [[बिहार]] के [[सीतामढ़ी]] जिले में [[समस्तीपुर]]-[[नरकटियागंज]] रेल लाइन पर स्थित ढेंग रेलवे स्टेशन के 2.5 किलोमीटर उत्तर में [[भारत]] में प्रवेश करती है। [[बिहार]] में इस नदी की कुल लम्बाई 394 किलोमीटर है। [[नेपाल]] में इस नदी का कुल जल ग्रहण क्षेत्र 7884 वर्ग किलोमीटर है। ढेंग और बैरगनियाँ स्टेशन को जोड़ने वाली रेल लाइन पर बने पुल संख्या 89, 90, 91, 91A और 91B से होकर यह नदी दक्षिण दिशा में चलती है जहाँ लगभग 2.5 किलोमीटर नीचे भारत का जोरियाही नाम का पहला गाँव पड़ता है। यहाँ से 5 किलोमीटर दक्षिण चल कर बागमती शिवहर जिले के बखार चंडिहा और अदौरी गाँव की सीमा में आती है।ढेंग से बखार की दूरी साढे़ 11 कि॰मी॰ है और यहीं से थोड़ा और नीचे चल कर खोरीपाकड़【[पूर्वी चंपारण]] देवापुर गाँव के पास उसके दाहिने किनारे पर [[लालबकेया नदी]] में मिलती है। इसी संगम स्थल पर पुल निर्माण की मांग जिसकेेेे लिए बरसों से आंदोलन जारी है। [[अदौरी खोड़ी पाकर पुल निर्माण संघर्ष समिति]] का आंदोलन।
 
जिसके लिए संजय संघर्ष सिंह बरसों से अपनी संकल्प की दाढ़ी बढ़ा रहे हैं। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर जिसने इस पुल निर्माण के लिए अपने करियर को दांव पर लगाकर सत्ता और सरकार के विरूद्ध संघर्ष कर रहा है और पिछले 4 वर्षों से संकल्प की दाढ़ी बढ़ रही है पुल निर्माण के लिए
 
इस लम्बाई में नदी की प्रवृत्ति पश्चिम से होकर बहने की है मगर लालबकेया से उसका संगम स्थल प्रायः स्थिर रहता है। नदी की इस लम्बाई में बहुत ज्यादा परिवर्तन नहीं हुए हैं यद्यपि उसकी एक पुरानी धारा का जिक्र और रेखांकन जरूर मिलता है। [[बिहार]] के तराई क्षेत्रों में प्रवेश करने के बाद यह नदी बाढ़ के दिनों में अक्सर अपना प्रवाह मार्ग बदल लेती है। इस नदी में बाढ़ के कारण [[बिहार]] के [[सीतामढ़ी]], [[मुजफ्फरपुर|मुजफ़्फ़रपुर]], [[दरभंगा]] और [[मधुबनी]] ज़िलों में काफ़ी क्षति पहुँचाती है। इसकी सहायक नदियों में [[लाल बकेया नदी]], [[लखनदेई नदी]], [[चकनाहा नदी]], [[जमुने नदी]], [[सिपरीधार नदी]], [[छोटी बागमती]], [[कोला नदी]] आदि हैं। [[कोसी परियोजना]] के अन्तर्गत बागमती नदी को भी नियन्त्रित कर इस पर पुल और नये बाँध बनाए गए हैं। यह [[कमला नदी]] से मिलकर [[कोसी नदी]] में मिल जाती है। तराई के मैदानों को पार करती हुई बागमती नदी बिहार में प्रवेश करती है और 360 किलोमीटर दूरी तय करने के बाद दक्षिण-पूर्व की ओर बहती हुई [[बूढ़ी गंडक नदी]] में मिल जाती है।<ref>भारत ज्ञान कोश, खंड-4, प्रकाशक-पोप्युलर प्रकाशन मुंबई</ref>
 
== जल ग्रहण क्षेत्र ==