"महाभारत": अवतरणों में अंतर

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इस महाकाव्य की मुख्य कथा [[हस्तिनापुर]] की गद्दी के लिये दो वंश के वंशजों [[कौरव]] और [[पाण्डव]] के बीच का आपसी संघर्ष था. '''हस्तिनापुर''' और उसके आस-पास का इलाका आज के [[गंगा]] से उत्तर [[यमुना]] के आस-पास [[दोआब]] का ईलाका माना जाता है. जहाँ आजकल की [[दिल्ली]] भी स्थित है. इन भाइयों के बीच की लड़ाई आज के [[हरियाणा]] स्थित [[कुरुक्षेत्र]] के आस-पास हुई मानी गयी है जिसमें '''पांडव''' विजयी हुये थे। महाभारत की समाप्ति भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु और [[यदु-वंश]] की समाप्ति तथा पांडवों के स्वर्ग गमन के साथ होती है। पांडव की यह यात्रा [[मोक्ष]] प्राप्ति को दर्शाता है जो हिन्दुओं के जीवन का सबसे प्रमुख लक्ष्य माना जाता है। इस घटना को [[कलि-युग]] के आरंभ का भी संकेत माना गया है क्योंकि इससे महाभारत के अठारह दिन की लड़ाई में सत्य की सत्ता भंग हुयी थी। इस कलि-युग को हिन्दुओं के अनुसार सबसे अधम युग माना गया है जिसमें हर तरह के मूल्यों का क्षरण होता है और अंत में [[कल्कि]] नामक [[विष्णु]] के अवतार इन सबसे हमारी रक्षा करेंगें। हिन्दू इतिहास के सबसे प्रमुख स्तंभों का इस लड़ाई में अनैतिकता (कौरवों) का साथ देना इसकेए वजह माना जाता है।
 
=== कहानीकथा ===
 
महाभारत की कथा में एक साथ बहुत सी कथाएँ गुंफित हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कथायें निम्नलिखित हैं:-
*सबसे प्रमुख कहानी कणकर्ण की कहानी है। भगवान श्री कण जोकर्ण एक महान योद्धा थे येकिन्तु कहानीअपने बतातीगुरु हैसे किअपनी कैसेपहचान छुपाने के कारण उनकी शक्ति गौण हो गयी क्योंकि हजारो वर्ष पहले उन्होंने अपने गुरू से अपनी पहचान छुपायी थी।
 
*भीष्म की कहानी जिसने अपना राजपाट अपने पिता की वजह से त्याग दिया था, क्योंकि उसके पिता ने एक मछुआरे की कन्या से विवाह किया था। भीष्म ने आजीवन कौमार्यब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा ली थी और उन्हें ईच्छाअपने पिता [[शान्तनु]] से इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त हुआ था।
 
*[[भीम]] की कहानी, जो पाँच पाँडवों मे से एक थे और अपने बल और स्वामिभक्ति के कारण जाने जाते थे।
 
*युधिष्ठिर की कहानी: युधिष्ठिर जो पांचों पांडवों मे सबसे बड़े थे उन्हें '''धर्मराज''' के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने कभी जीवन में झूठ का सहारा नहीं लिया। और महाभारत के दौरानमध्य कैसे सिर्फकेवल एक झूठ कीके वजह सेकारण कैसा परिणाम भुगततेभुगतना पड़ा हैं।था।
 
=== संरचना ===
 
# ''आदिपर्व'' - परिचय, राजकुमारों का जन्म और लालन-पालन
# ''सभापर्व'' - दरबार की झलक, द्युतद्यूत क्रीड़ा, और पांडवों का वनवास. मायामय दानव द्वार इंद्रप्रस्थ में महलभवन का निर्माण.
# '''अरयण्कपर्व''' (अरण्यपर्व)'' - जंगलोंवनों में १२ वर्ष का जीवन
# ''विराटपर्व'' - राजा [[विराट]] के राज्य में अग्यात्वासअज्ञातवास.
# ''उद्योगपर्व''- युद्ध की तैयारी
# ''भीष्मपर्व'' - महाभारत युद्ध का पहला भाग, भीष्म कौरवों के सेनापति के रूप में (इसी पर्व में [[भगवद्गीता]] आती है)
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# ''अश्वमेधिकापर्व'' - [[युधिष्ठिर]] द्वारा [[अश्वमेध]] का आयोजन
# ''आश्रम्वासिकापर्व'' - [[धृतराष्ट्र]], गान्धारी और कुन्ती का वन में आश्रम के लिये प्रस्थान
# ''मौसुलपर्व'' - यादवों की आपसीपरस्पर लड़ाई
# ''महाप्रस्थानिकपर्व '' - युधिष्ठिर और उनके भाइयों की सदगतिसद्‍गति का प्रथम भाग
# ''स्वर्गारोहणपर्व'' - पांडवों की स्वर्ग यात्रा.
 
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'''अम्बिका''' : विचित्रवीर्य की पत्नी, अम्बा और अम्बालिका की बहिन।
 
'''अम्बालिका''': विचित्रवीर्य की पत्नी, अम्बा और अम्बिका की बहिन।
'''[[अर्जुन]]''' : देवराज इन्द्र द्वरा कुन्ति यवम पान्डु का पुत्र। एक अतुल्निय धनुर्धर जिसको श्री कृष्ण ने श्रीमद भग्वद गीता का उप्देष दिया था।
 
'''[[अर्जुन]]''' : देवराज इन्द्र द्वराद्वारा कुन्तिकुन्ती यवमएवं पान्डु का पुत्र। एक अतुल्निय धनुर्धर जिसको श्री कृष्ण ने श्रीमदश्रीमद् भग्वदभगवद् गीता का उप्देषउपदेश दिया था।
'''भभ्रुवाहन''' : अर्जुन यवम चित्रांग्दा का पुत्र।
 
'''भभ्रुवाहन''' : अर्जुन यवमएवं चित्रांग्दा का पुत्र।
'''बाकासुर''' : महाभारत काव्य मे एक असुर जिसको भीम ने मार कर एक गांव के वासियों की रक्षा की थी।
 
'''बाकासुरबकासुर''' : महाभारत काव्य मे एक असुर जिसको भीम ने मार कर एक गांव के वासियों की रक्षा की थी।
'''भीष्म''' : भीष्म का नामकरण देव्रथ के नाम से हुआ था। वे शान्तनू एवमं गंगा के पुत्र थे। जब देव्रथ ने अपने पिता की खुशी के लिये आजीवन ब्रह्मचारी रहने का प्रण लिया, तब से उनका नाम भीष्म हो गया।
 
'''भीष्म''' : भीष्म का नामकरण देव्रथदेवव्रत के नाम से हुआ था। वे शान्तनूशान्तनु एवमंएवं गंगा के पुत्र थे। जब देव्रथदेवव्रत ने अपने पिता की खुशीप्रसन्नता के लिये आजीवन ब्रह्मचारी रहने का प्रण लिया, तब से उनका नाम भीष्म हो गया।
 
'''[[द्रौपदी]]''' : द्रुपद की पुत्री जो अग्नि से प्रकट हुई थी। द्रौपदी पांचो पांड्वों की अर्धांगिनी थी और उसे आज प्राचीनतम् नारीवादिनियों में एक माना जाता है ।
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'''द्रोण''' : हस्तिनापुर के राजकुमारों को शस्त्र विद्या देने वाले ब्राह्मण् गुरु। अश्व्थामा के पिता।
 
'''द्रुपद''' : पान्चालपाञ्चाल के राजा और द्रौपदी एवमं द्रिश्टिद्युनधृष्टद्युम्न के पिता। द्रुपद और द्रोण बालपनबाल्यकाल के मित्र थे!
 
'''दुर्योधन''' : कौरवों में जयेष्ट।ज्येष्ठ। ध्रतराष्ट्र एवमंएवं गांधारी के १०११०० पुत्रों मे सबसे बड़े।
 
'''दुशासन दुःशासन''' : दुर्योधन से छोटा भाई जो द्रौपदी को हस्तिनपुर राज्यसभा में बालों से पकड़ कर लाया था। कुरुक्षेत्र युध्ययुद्ध में भीम ने दुशासनदुःशासन की छाती का लहूरक्त पिया था।
 
'''एकलव्य''' : द्रोण का एक महान शिष्य जिससे गुरुदक्षिणा में द्रोण ने उसका अंगूठा मांगा था।
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'''गांधारी''' : गंधार के राजा की पुत्री और ध्रतराष्ट्र की पत्नी।
 
'''जयध्रथजयद्रथ''' : सिन्धु के राजा और ध्रतराष्ट्र के दामाद। कुरुक्षेत्र युधयुद्ध में अर्जुन नें जयध्रथजयद्रथ का शीश काट कर वध किया था।
 
'''कर्ण''' : सूर्यदेव एवमं कुन्तिकुन्ती के पुत्र और पाण्ड्वोंपाण्डवों के सबसे बड़े भाई। कर्ण को दानवीर-कर्ण के नाम से भी जाना जाता है। कर्ण कवच एवं कुंडल पहने हुए पैदा हुये थे और उनका दान इंद्र को किया था ।
 
'''कृपाचार्य''' : हस्तिनापुर के ब्राह्मण गुरु। इनकी बहिन 'कृपि' का विवाह द्रोण से हुआ था ।
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'''कुरुक्षेत्र''' : वह क्षेत्र जहाँ महाभारत का महान युद्ध हुआ था। यह क्षेत्र आज के भारत में 'अम्बाला' नामक नगर के नाम से जाना जाता है।
 
'''पाण्डव''' : पाण्डु की कुतींकुन्ती और माद्री से सन्तानें। यह पांच भाई थे: युद्धिष्ठिर, भीम, अर्जुन्, नकुल और सहदेव।
 
'''परशुराम''' : अर्थात् परशु वाले राम। वे द्रोण, भीष्म और कर्ण जैसे महारथियों के गुरु थे। वे भगवान विष्णु का छहंवाषष्ठम् अवतार थे।
 
'''शल्य''' : नकुल और सहदेव की माता माद्री के पिता।
 
'''उत्तरा''' : राजा विराट की पुत्री। उत्तरा का विवाह अभिमन्यूअभिमन्यु से हुआ था ।
 
'''महर्षि व्यास''' : महाभारत महाकाव्य के लेखक। पारासर्पारासर और सत्यवतिसत्यवती के पुत्र । इनकेइन्हें कृष्ण द्वपायनद्वैपायन के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि व साँवल रंगकृष्णवर्ण के थे औरतथा उनका जन्म एक द्वीप पेमें पैदाहुआ हुए थे ।था।
 
<!-- महाभारत के पात्रों की सूची में व्रद्धि क्रमशः चलती रहेगी।। -->
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== संदर्भ और टीका ==
<references />
== बाहरी कड़ियाँ ==
 
* [http://www.mahabharat.agoodplace4all.com महाभारत] {{हिन्दी चिह्न}}
 
==यह भी देखें:==
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[[Category:हिन्दू धर्म]]
[[श्रेणी:धर्मग्रन्थ]]
[[श्रेणी:महाभारत]]
 
[[bn:মহাভারত]]