"पार्वती": अवतरणों में अंतर

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== पूर्वजन्म की कथा ==
 
पार्वती पूर्वजन्म में [[दक्ष प्रजापति]] की पुत्री [[सती]] थीं तथा उस जन्म में भी वे भगवान [[शिव|शंकर]] की ही पत्नी थीं। [[सती]] ने अपने पिता [[दक्ष प्रजापति]] के यज्ञ में, अपने पति का अपमान न सह पाने के कारण, स्वयं को योगाग्नि में भस्म कर दिया था। भगवान [[शिव|शंकर]] को जब ये बात पता चली तो उन्होंने [[वीरभद्र]] के रूप में [[दक्ष प्रजापति|दक्ष]] प्रजापति के यज्ञ को नष्ट कर दिया। भगवान शिव सती के शव को लेकर तांडव करने लगे। उसी समय भगवान विष्णु ने अपने [[सुदर्शन चक्र]] से माता [[सती]] के शव के इक्यावन भाग कर दिया। जहां जहां माता [[सती]] के ये ये अंग गिरे वहां [[शक्ति पीठ|शक्तिपीठों]] की स्थापना हुई। अगले जन्म में माता [[सती]] पार्वती बनकर हिमनरेश हिमवान के घर अवतरित हुईं।
 
== पार्वती की तपस्या ==