"ध्यानचंद सिंह": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox field hockey player
| name = ध्यानचन्द सिंह कुशवाहा
| image = Dhyan Chand closeup.jpg
| birth_date = {{Birth date|1905|08|29|df=y}}<ref>{{cite news|title=Indian hockey's famous legend Dhyan Chand's resume|url=http://www.mid-day.com/articles/indian-hockeys-famous-legend-dhyan-chands-resume/15527174|accessdate=1 April 2016|work=[[Mid Day]]|date=3 December 2015|archiveurl=https://web.archive.org/web/20160401094009/http://www.mid-day.com/articles/indian-hockeys-famous-legend-dhyan-chands-resume/15527174|archivedate=1 April 2016}}</ref>
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{{MedalGold | [[1932 Summer Olympics|1932 Los Angeles]] | [[Field hockey at the 1932 Summer Olympics|Team]] }}
{{MedalGold | [[1936 Summer Olympics|1936 Berlin]] | [[Field hockey at the 1936 Summer Olympics|Team]] }}
|परिवार=कुशवाहाक्षत्रिय}}
 
'''ध्यान चंद''' भारतीय फील्ड हॉकी के भूतपूर्व खिलाड़ी एवं कप्तान थे। [[भारत]] एवं विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाडड़ियों में उनकी गिनती होती है।उनका जन्म एक [[कुशवाहाराजपूत|क्षत्रिय]] परिवार में हुआ था।<ref>{{cite book |author=Dhyan Chand |title=Goal! Autobiography of Hockey Wizard Dhyan Chand |url=http://www.bharatiyahockey.org/granthalaya/goal/ |year=1952 |publisher=Sport & Pastime |location=Chennai |page=2 |quote=I was born in Allahabad on August 29, 1905. I come from a Rajput family which settled in Allahabad and later migrated to Jhansi.}}</ref><ref name="sportstar">{{cite web|url=https://sportstar.thehindu.com/hockey/the-legend-of-dhyan-chand/article19580161.ece|title=The legend of Dhyan Chand|work=The Hindu|access-date=2020-08-29}}</ref> वे तीन बार [[ओलम्पिक]] के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे ( जिनमें १९२८ का [[१९२८ ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत|एम्सटर्डम ओलम्पिक]] , १९३२ का [[१९३२ ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत|लॉस एंजेल्स ओलम्पिक]] एवं १९३६ का [[१९३६ ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत|बर्लिन ओलम्पिक]])। उनकी जन्मतिथि को भारत में "राष्ट्रीय खेल दिवस" के रूप में मनाया जाता है। <ref name="test1">children.co.in/india/festivals/national-sports-day.htm</ref>
 
उन्हें '''हॉकी का जादूगर''' ही कहा जाता है। उन्होंने अपने खेल जीवन में 1000 से अधिक गोल दागे। जब वो मैदान में खेलने को उतरते थे तो गेंद मानों उनकी हॉकी स्टिक से चिपक सी जाती थी। उन्हें १९५६ में भारत के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान [[पद्मभूषण]] से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा बहुत से संगठन और प्रसिद्ध लोग समय-समय पर उन्हे 'भारतरत्न' से सम्मानित करने की माँग करते रहे हैं किन्तु अब केन्द्र में [[भारतीय जनता पार्टी]] की सरकार होने से उन्हे यह सम्मान प्रदान किये जाने की सम्भावना बहुत बढ़ गयी है।<ref>{{Cite web |url=http://zeenews.india.com/hindi/sports/sports-ministry-write-letter-to-pmo-request-for-bharat-ratna-to-dhyan-chand/329225 |title=खेल मंत्रालय ने पीएमओ को लिखी चिट्ठी, हॉकी के जादूगर ध्यानचंद को 'भारत रत्न' देने का आग्रह |access-date=13 अगस्त 2017 |archive-url=https://web.archive.org/web/20170813152154/http://zeenews.india.com/hindi/sports/sports-ministry-write-letter-to-pmo-request-for-bharat-ratna-to-dhyan-chand/329225 |archive-date=13 अगस्त 2017 |url-status=live }}</ref><ref>[http://www.amarujala.com/sports/hockey/sports-minister-vijay-goel-writes-to-pmo-requesting-bharat-ratna-for-dhyan-chand]</ref>खेल मंत्री विजय गोयल ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी, ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग कि.<ref>{{Cite web |url=http://www.amarujala.com/sports/hockey/sports-minister-vijay-goel-writes-to-pmo-requesting-bharat-ratna-for-dhyan-chand |title=संग्रहीत प्रति |access-date=13 अगस्त 2017 |archive-date=13 अगस्त 2017 |archive-url=https://web.archive.org/web/20170813143639/http://www.amarujala.com/sports/hockey/sports-minister-vijay-goel-writes-to-pmo-requesting-bharat-ratna-for-dhyan-chand |url-status=bot: unknown }}</ref>