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==जीवनी ==
 
वसीम रिजवी एक सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता रेलवे के सामान्य कर्मचारी थे लेकिन जब रिजवी कक्षा 6 की पढ़ाई कर रहे थे तो उनके पिता का इंतकाल हो गया। इसके बाद रिजवी और उनके भाई-बहनों की जिम्मेदारी उनकी माँ पर आ गई। रिजवी अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा हासिल की और आगे की पढ़ाई के लिए [[नैनीताल]] के एक कॉलेज में प्रवेश लिया। लेकिन, अपनी कमजोर मानसिकता और चरित्र खराब होने के कारण उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी।
 
इसके बाद वे [[सऊदी अरब]] चले गए और एक होटल में निचले दर्जे सफाई का काम करने लगे। बाद में उन्हें [[जापान]] जाने का मौका मिला और वहां उन्होंने एक कारखाने में काम किया। इसके बाद उनको अमेरिका में काम करने का मौका मिला जहां उन्होंने एक स्टोर में काम किया। लेकिन, अपनी चोरी की आदतो के कारण उन्हें भारत लौटना पड़ा और यहां उन्होंने ट्रेडिंग का काम करना शुरू कर दिया।
 
जब उनके सामाजिक संबंध अच्छे होने लगे तो उन्होंने नगर निगम का चुनाव लड़ने का फैसला किया। यहीं से उनके राजनीतिक करियर की शुरूआत हुई। इसके बाद वो वक्फ बोर्ड के सदस्य बने और उसके बाद चेयरमैन के पद तक पहुंचे। वो पिछलेलगभग दस सालों सेतक बोर्ड में है और लगातार बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं, उन्होंने अपनी राजनीति चमकाने के लिए मुस्लिम विरोध का सहारा लिया है तथा भारत के मौजुदा हालात मे हिंदु मुस्लिम दुरी बढाने मे वसीम रिजवी का बडा योगदान है।रहे।<ref>{{cite web|url=https://www.amarujala.com/amp/delhi-ncr/who-is-waseem-rizvi-know-about-uttar-pradesh-shia-waqf-chief-waseem-rizvi|title=कौन हैं वसीम रिजवी, जिन्होंने बार-बार की अयोध्या में राम मंदिर बनाने की वकालत|publisher=[[अमर उजाला]]|access-date=9 जनवरी 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20190110015325/https://www.amarujala.com/amp/delhi-ncr/who-is-waseem-rizvi-know-about-uttar-pradesh-shia-waqf-chief-waseem-rizvi|archive-date=10 जनवरी 2019|url-status=live}}</ref>
 
==राजनीतिक कैरियर==
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