"स्नायु": अवतरणों में अंतर

मेने ligament क्या है ये बताया है एक एसीएल LIGAMENT क्या होता है ओर इसका कैसे इलाज किया जाता है
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो 2401:4900:4152:E6D9:D55D:63C2:595D:C5AC (Talk) के संपादनों को हटाकर संजीव कुमार के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
 
पंक्ति 10:
 
इनमें से सर्वाधिक प्रथम अर्थ में ही 'स्नायु' का प्रयोग किया जाता है। स्नायु (Ligaments) तंतुमय ऊतक के समांतर सूत्रों के लबें पट्ट होते हैं। इनसे दो अस्थियों के दोनों सिरे जुड़ते हैं। इनके भी दोनों सिरे दो अस्थियों के अविस्तारी भागों पर लगे रहते हैं। ये स्नायु कोशिका के बाहर स्थित रहती है और कुछ भीतर। भीतरी स्नायु की संख्या बहुत कम होती है।
वस्तुत: लिगामेंट्स रस्सीनुमा तंतुओं के ऐसे समूह हैं, जो हड्डियों को आपस में जोड़कर उन्हें स्थायित्व प्रदान करते हैं। इस कारण जोड़ सुचारु रूप से कार्य करते हैं। घुटने का जोड़ घुटने के ऊपर फीमर और नीचे टिबिया नामक हड्डी से बनता है। बीच में टायर की तरह के दो मेनिस्कस (एक तरह का कुशन) होता है। फीमर व टिबिया को दो रस्सीनुमा लिगामेंट (एनटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट और पोस्टेरियर क्रूसिएट लिगामेंट) आपस में बांध कर रखते हैं और घुटनों को स्थायित्व प्रदान करते हैं। साइड में यानी कि घुटने के दोनों तरफ कोलेटेरल और मीडियल कोलेटेरल लिगामेंट और लेटेरल कोलेटरल लिगामेंट नामक रस्सीनुमा लिगामेंट्स होते हैं। इनका कार्य भी क्रूसिएट की तरह दोनों हड्डियों को बांध कर रखना है।
 
== इन्हें भी देखें ==
क्या है एसीएल
* [[संधि (शरीररचना)]] (Joints)
एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) घुटने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। स्पोर्ट्स इंजरी में सबसे ज्यादा यही लिगामेंट टूटता है। इसे पुन: उखड़ी हुई जगह पर जोड़ना और नया लिगामेंट बनाने की प्रक्रिया को एसीएल रीकॉन्ट्रक्शन कहते हैं। लिगामेंट आपके शरीर में मजबूत टिश्यू का ऐसा समूह है, जो हड्डियों को आपस में जोड़ता है। घुटने के आर्थोस्कोपिक प्रोसीजर में एसीएल सर्जरी सबसे ज्यादा कारगर होती है। एसीएल सर्जरी घुटने को स्थिरता प्रदान करती है। फुटबॉल,बास्केटबॉल और स्कीइंग आदि में जब घुटना ज्यादा स्ट्रेच हो जाता है तब एक स्थिति ऐसी आ जाती है कि लिगामेंट खिंचते हुए टूट जाता है। ऐसे में घुटना सूज जाता है और उसमें दर्द होता है। घुटना अस्थिर हो जाता है और चलने में दिक्कत होती है।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
जानिए इसे
* [https://web.archive.org/web/20141011100540/http://neuro-pratidhwani.blogspot.in/ न्यूरो ज्ञान] (डॉ अपूर्व पौराणिक का स्नायु से सम्बन्धित ब्लॉग)
आर्थोस्कोपी का शाब्दिक अर्थ है शरीर के जोड़ को किसी यंत्र से देखना। इसमें धातु की एक पतली नली का एक सिरा जोड़ के अंदर डाल दिया जाता है। इस नली में लेंस लगे होते हैं जो अंदर के भागों को बड़ा करके बाहर दिखाते हैं। आथ्र्रोस्कोपी की प्रक्रिया के अंतर्गत पहले जोड़ में पानी भरकर उसे बड़ा कर लिया जाता है, जिससे जोड़ के अंदर की चीजें साफ दिखें और ऑपरेशन आसानी से किया जा सके। आर्थोस्कोपी से ऑपरेशन के दौरान किसी भी तरह के संक्रमण नगण्य हो जाता है।
* [https://web.archive.org/web/20130916232630/http://www.neurogyan.org/news.php?nid=55 न्यूरोज्ञान] (स्नायु से सम्बंधित सम्पूर्ण हिन्दी वेबसाइट)
* [https://web.archive.org/web/20141221232316/http://www.neurogyan.com/ न्यूरोज्ञान]
* [https://web.archive.org/web/20141022085040/http://blog.neuroquizindia.com/ नेशनल न्यूरो क्विज] (डॉ अपूर्व पौराणिक)
* [https://web.archive.org/web/20080311030238/http://www.mercksource.com/pp/us/cns/cns_hl_dorlands.jspzQzpgzEzzSzppdocszSzuszSzcommonzSzdorlandszSzdorlandzSzdmd_l_09zPzhtm Exhaustive list of ligaments]
 
[[श्रेणी:स्नायु]]
आर्थोस्कोपिक विधि से इलाज
[[श्रेणी:नरम ऊतक]]
आर्थोस्कोपिक विधि से अब स्पोर्ट्स इंजरी का इलाज सफलतापूर्वक संभव है। चीरफाड़ किए बगैर आर्थोस्कोप से जो भी लिगामेंट टूट गया है, उसे रिपेयर कर दिया जाता है या फिर उसका दोबारा पुनर्निर्माण कर दिया जाता है। घुटने की लूज बॉडीज (चोट लगने के कारण लिगामेंट में टूट-फूट होने वाले भागों) को निकाल दिया जाता है। परिणामस्वरूप घुटने की अस्थिरता खत्म हो जाती है और दर्द दूर हो जाता है। ऐसे व्यक्ति की दिनचर्या बहाल हो जाती है। यह आधुनिक विधि दर्दरहित और सफल है।