"आज़मगढ़ जिला": अवतरणों में अंतर
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'''महाराजगंज''': छोटी सरयू नदी के तट पर बसा महाराजगंज जिला मुख्यालय से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आजमगढ़ में राजाओं की नामावली अधिक लम्बी है यहीं वजह है कि इस जगह को महाराजगंज के नाम से जाना जाता है। यहां एक काफी पुराना मंदिर भी है। यह मंदिर भैरों बाबा को समर्पित है। भैरों बाबा को देओतरि के नाम से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त यह वहीं स्थान है जहां भगवान शिव की पत्नी पार्वती दक्ष यजन वेदी में सती हुई थी। प्रत्येक माह पूर्णिमा के दिन यहां मेले का आयोजन किया जाता है।
'''मुबारकपुर''': मुबारकपुर जिला मुख्यालय के उत्तर-पूर्व से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पहले इस जगह को कासिमाबाद के नाम से जाना जाता था। कुछ समय बाद इस जगह का पुर्ननिर्माण करवाया गया। इस जगह को दुबारा राजा मुबारक ने बनवाया था। यह जगह बनारसी साड़ियों के लिए काफी प्रसिद्ध है। इन बनारसी साड़ियों का निर्यात पूरे विश्व में होता है। इसके अलावा यहां ठाकुरजी का एक पुराना मंदिर और राजा साहिब की मस्जिद भी स्थित है। यूपीः तकनीकी दक्षता में दूसरी बार सठियांव चीनी मिल को देश में पहला स्थान, अखिलेश यादव ने गुरुवार को आजमगढ़ में कहा कि यूपी के सीएम योगी को लैपटॉप चलाना नहीं आता है, तभी तो अपने संकल्प पत्र का वादा पूरा नहीं किया। यूपी में लैपटॉप अब तक नहीं बांटा गया। अब जब मैं बांट रहा हूं तो मुख्यमंत्री परेशान हैं कि कौन आ रहा। जनता तय कर चुुकी है कि भाजपा का सफाया करना है। सपा का लैपटाप खोलेंगे तो पता चलेगा कौन आ रहा। हम लोग नये रास्ते पर चल रहे हैं। सपा ही विकास कर सकती है। आज 130 बच्चों को लैपटाप दिलाकर उन्हें याद दिलाना चाहते हैं। एबुलेंस 108, 102 किसने चलाया। बदलाव से संभव हुआ की एबुलेंस फोन करने पर आ जाती है। सरकार ने व्यवस्था को खराब की है। डायल 100 का नाम बदल दिया। अब 112 से भी पुलिस आती थी।
'''मेंहनगर''': यह जगह जिला मुख्यालय के पूर्व-दक्षिण में 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां एक प्रसिद्ध किला है जिसका निर्माण राजा हरिबन सिंह गौतम ने करवाया था। इस किले में एक स्मारक और सरोवर है जो कि काफी प्रसिद्ध है। इस सरोवर को मदिलाह सरोवर के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक वर्ष सरोवर से तीन किलोमीटर की दूरी पर धार्मिक मेले का आयोजन किया जाता है।
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