"वाष्प दाब": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Vapor pressure.svg|right|thumb|200px|किसी द्रव के सतह पर [[वाष्पन]] एवं [[संघनन]] की सूक्ष्म प्रक्रिया]]
'''वाष्प दाब''' या '''साम्यावस्था वाष्प दाब''', एक वाष्प जो उसके गैर वाष्प चरण के साथ साम्यावस्था मे हो, का दाब होता है। सभी द्रवों और ठोसों की अपनी अवस्था से गैस अवस्था और हर गैस की अपनी अवस्था से वापस मूल अवस्था (द्रव या ठोस अवस्था) में संधनित होने की प्रवृति होती है। किसी विशेष वस्तु के लिए, किसी दिए गये ताप पर एक नियत दाब होता है जिस पर उस वस्तु की गैस अवस्था उसकी द्रव या ठोस अवस्था के साथ गतिज साम्यावस्था मे होती है, यह दाब उस वस्तु का उस ताप पर वाष्प दाब होता है। साम्यावस्था वाष्प दाब, किसी द्रव की वाष्पीकरण की दर को इंगित करता है। यह कणों किसी द्रव (या एक ठोस) से पलायन करने की प्रवृत्ति से संबंधित है। सामान्य तापमान पर एक उच्च वाष्प दाब वाले पदार्थ को अक्सर वाष्पशील पदार्थ कहा जाता है।
 
== [https://www.dainikscience.com/%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%aa-%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%ac/ ताप पर वाष्पदाब] ==
वाष्पन की प्रक्रिया ताप पर आधारित होती है जब द्रव को खुले पात्र में गर्म किया जाता है तब वह अपनी सतह से
 
वाष्पिकृत होता है।
 
जब द्रव का वाष्पदाब बाहरी दाब के समान हो जाता है तब पूरे द्रव का वाष्पीकरण होने लगता है।
 
तथा वस्तु अपने परिवेश में मुक्त रूप से प्रसारित होती है।
 
संपूर्ण द्रव के मुक्त वाष्पीकरण की स्थिति को 'उबालना' कहते हैं।
 
तथा जब इसी द्रव को बंद पात्र मे उबलते है तो उस पात्र के अन्दर वाष्पदाब बढ़ता जाता है।
 
और इतना ज्यादा बढ़ जाता है  कि अगर वाष्प को निकलने का जगह ना दिया जाय तो
 
वह उस पात्र को ही तोड़ के बाहर आ जाता है।
 
==कुछ पदार्थों के वाष्प दाब==