"इन्द्र": अवतरणों में अंतर

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[[Image:Somnathpur si0823.jpg|right|thumb|300px|[[ऐरावत]] पर सवार '''इन्द्र''' हाथ में [[वज्र]] धारण किए हुए ([[सोमनाथपुरा|सोमनाथपुर]], लगभग १२६५ ई.)]]
'''इन्द्र''' (या '''इंद्र''') [[हिन्दू धर्म]] में सभी [[देवता]]ओं के [[राजा]] का सबसे उच्च पद था<ref>'पद' से संबंधित सन्दर्भों के लिए द्रष्टव्य - 'इन्द्र एक पद का नाम' शीर्षक इसी आलेख का अनुभाग।</ref> जिसकी एक अलग ही चुनाव-पद्धति थी। इस चुनाव पद्धति के विषय में स्पष्ट वर्णन उपलब्ध नहीं है।
वैदिक साहित्य में इन्द्र को सर्वोच्च महत्ता प्राप्त है लेकिन पौराणिक साहित्य में इनकी महत्ता निरन्तर क्षीण होती गयी और त्रिदेवों की श्रेष्ठता स्थापित हो गयी। शास्त्रों के अनुसार इन्द्रदेव महर्षि [[कश्यप]] और उनकी पत्नी [[अदिति]] के पुत्र हैं। [[अदिति]] के सभी पुत्रों में इंद्रदेव सबसे बड़े पुत्र हैं। भगवान [[सूर्य देवता|सूर्यनारायण]] , [[वायु देव|वायुदेव]] , [[वरुण (देव)|वरुणदेव]] , [[अग्नि देव|अग्निदेव]] , [[मार्तण्ड|मार्तंड]] ऋषि , [[वामनावतार|वामनदेव]] आदि इनके छोटे भाई हैं।
 
== ऋग्वेद में इन्द्र ==