"बाबर देवा": अवतरणों में अंतर
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बाबर देवा कोली नही था वह एक क्षत्रिय ठाकोर था, जिसका प्रमाण यहां के क्षत्रिय ठाकोर के बारोट जी के चोपड़े में किया हुवा है। टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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{{Infobox Person|box_width=500px|name=डाकू बाबर देवा पाटणवाडिया ठाकोर|birth_name=बाबरदेव|birth_place=गोरेलगांव, बोरसद तालुका, [[आणंद जिला]], [[सौराष्ट्र]], [[गुजरात]]|death_date=१९२४|death_cause=बड़ौदा जेल में फांसी |nationality=भारतीय|जातीयता=क्षत्रिय पाटणवाडिया [[ठाकोर]]|occupation=[[डकैती]]|religion=[[हिन्दू]] [[क्षत्रिय ठाकोर]]|known_for=२५ से ज्यादा हत्याएं|birth_date=१८८५}}
बाबर देवा और उसके परिवार के साथ
बाबर ने सात वर्ष तक अपना खोप बनाए रखा था और सरकार उसे कभी पकड़ नही पाई थी। सेना हर बार बाबर को पकड़ने मे असमर्थ हो जाती थी।<ref>{{Cite book|url=https://books.google.co.in/books?id=vC1uAAAAMAAJ|title=The sardar of India: biography of Vallabhbhai Patel|last=Chopra|first=Pran Nath|date=1995|publisher=Allied Publishers|isbn=978-81-7023-424-1|language=en}}</ref> लेकिन एक बार बाबर ने पेटलाद [[तालुका]] के कानियागांव मे एक [[पाटीदार]] के घर पर डांका डाला था उसी दौरान वह [[बड़ौदा]] [[रियासत]] की [[पुलिस]] ने पकड़ लिया और पेटलाद की [[जेल]] मे बंद कर दिया गया। १९१९ मे बाबर पेटलाद की जेल से भाग निकला और दो बड़ी डकैतियां डाली और लोगों को भी मार डाला था। १९२० मे मे उसने बड़ी गेंग बनाकर १५ बड़ी डकैतियां डाली और इसी वर्ष ही बाबर ने अपनी बहन को भी मार डाला था।<ref name=":0">{{Cite book|url=http://archive.org/details/peasantnationali0000hard|title=Peasant nationalists of Gujarat : Kheda District, 1917-1934|last=Hardiman|first=David|date=1981|publisher=Delhi ; New York : Oxford University Press|others=Internet Archive}}</ref>
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