"मोहन राकेश": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
मोहन राकेश जी 3 दिसम्बर को ही बिछड़े 3 जनवरी को नहीं टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
3 दिसम्बर टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 24:
, १९७२) [[नयी कहानी|नई कहानी]] आन्दोलन के सशक्त हस्ताक्षर थे।
[[पंजाब विश्वविद्यालय]] से [[हिन्दी]] और [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] में एम ए किया। जीविकोपार्जन के लिये अध्यापन किया। कुछ वर्षो तक 'सारिका' के संपादक भी रहे। '[[आषाढ़ का एक दिन]]','आधे अधूरे' और [[लहरों के राजहंस]] के रचनाकार। 'संगीत नाटक अकादमी' से सम्मानित। ३
== नाट्य-लेखन ==
|