"राजा महेन्द्र प्रताप सिंह": अवतरणों में अंतर

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वे भारत की अस्थाई सरकार के राष्ट्रपति भी रहे थे।
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'''राजा महेन्द्र प्रताप सिंह''' (1 दिसम्बर 1886 – 29 अप्रैल 1979) [[भारत]] के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, [[पत्रकार]], लेखक, क्रांतिकारी, समाज सुधारक और महान दानवीर थे। <ref>{{Cite web |url=http://www.nayaharyana.com/484/raja-mahendra-partap-singh |title=महान क्रान्तिकारी दानवीर '''राजा महेन्द्र प्रताप सिंह''' |access-date=20 मार्च 2021 |archive-date=16 जनवरी 2021 |archive-url=https://web.archive.org/web/20210116142306/http://www.nayaharyana.com/484/raja-mahendra-partap-singh |url-status=dead }}</ref> वे 'आर्यन पेशवा' के नाम से प्रसिद्ध थे और [[भारत की अनंतिम सरकार]] के अध्यक्ष थे। यह सरकार [[प्रथम विश्वयुद्ध]] के दौरान बनी थी और भारत के बाहर से संचालित हुई थी। उन्होने [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के दौरान १९४० में [[जापान]] में 'भारतीय कार्यकारी बोर्ड' (Executive Board of India) की स्थापना की थी। अपने कॉलेज के साथियों के साथ मिलकर उन्होने सन १९११ में [[बाल्कन युद्ध]] में भी भाग लिया। उनकी सेवाओं को याद करते हुए [[भारत सरकार]] ने उनकी स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया है।
वे भारत की अस्थाई सरकार के राष्ट्रपति भी रहे थे।
 
== जीवन परिचय ==