"वेदवती": अवतरणों में अंतर

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वेदवती देवी लक्ष्मी कि एक अवतार थी। सीता माता देवी वेदवती का ही पुनर्जन्म था। एक बार वेदवती जी एकांत में अपने आराध्य श्री हरि जी का नाम जाप कर रही थी।
 
तभी वहाँ रावण अपने विमान सहित गिरा हुआ था। औऱ मदद के लिए आवाज लगा रहा था। जब ये मदद मांगने की आवाज माता वेदवती जी ने सुनी तो वह रावण की मदद करने गयी और रावण की मदद की। उसके बाद रावण माता वेदवती जी को बिना उनकी इच्छा के स्पर्श करता है तो माता वेदवती जी अपने शरीर का त्याग कर देती हैं। और रावण को श्राप देती हैं कि अगले जन्म में जन्म लेकर मैं रावण की मौत का कारण बनूँगी। अगले जन्म में वो माता सीता के रुप में जन्म लेके रावण की मौत का कारण बनती हैं।।
{{श्री राम चरित मानस}}
{{हिन्दू-पुराण-आधार}}