"पाण्डु": अवतरणों में अंतर
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{{ज्ञानसन्दूक महाभारत के पात्र|width1=|मुख्य शस्त्र=|जीवनसाथी=[[कुन्ती]] [[माद्री]]|देवनागरी=|संतान=[[युधिष्ठिर]], [[भीम]], [[अर्जुन]],[[नकुल]] और [[सहदेव]]|भाई-बहन=[[धृतराष्ट्र]], [[विदुर]]|राजवंश=[[कुरु ]]|माता और पिता=[[विचित्रवीर्य]], [[अम्बालिका]] |व्यवसाय=[[क्षत्रिय]]|नाम=पाण्डु|उत्त्पति स्थल=[[हस्तिनापुर]]|संदर्भ ग्रंथ=[[महाभारत]]|अन्य नाम=|width2=|Caption=[[कुन्ती]] और [[पाण्डु]]|वंश=[[चंद्रवंश]]}}
[[महाभारत]] के अनुसार '''पाण्डु''' हस्तिनापुर के महाराज [[विचित्रवीर्य]] और उनकी दूसरी पत्नी [[अम्बालिका]] के पुत्र थे । उनका जन्म महर्षि वेद व्यास के वरदान स्वरूप हुआ था। वे [[पाण्डव|पाण्डवों]] के पिता और [[धृतराष्ट्र]] के कनिष्ट भ्राता थे। जिस समय [[हस्तिनापुर]] का सिंहासन सम्भालने के लिए धृतराष्ट्र को मनोनीत किया जा रहा था तब [[विदुर]] ने राजनीति ज्ञान की दुहाई दी कि एक नेत्रहीन व्यक्ति राजा नहीं हो सकता, तब पाण्डु को
ये अल्पायु में ही क्षय रोग के कारण स्वर्गवासी हो गए |
[[कुन्ती]] को तीन और [[माद्री]] को दो पुत्र प्राप्त हुए जिनमें [[युधिष्ठिर]] सबसे ज्येष्ठ थे। कुंती के अन्य पुत्र थे [[भीम]] और [[अर्जुन]] तथा माद्री के पुत्र थे [[नकुल]] व [[सहदेव]]।
== सन्दर्भ ==
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