* पंचवटी - वनवास के समय वन में [[राम]] ने जिस स्थान पर अपना निवास बनाया।
* [[भारत]] के प्रधानमंत्री का निवास (७, रेसकोर्स मार्ग), दिल्ली
मुंबई से करीब 200 किमी दूर स्थित है नासिक। नासिक में त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास बसा पंचवटी रामायण से जुड़ी एक बहुत ही खास जगह है।
रावण ने देवी सीता का हरण पंचवटी से ही किया था।
इसी वजह से इस जगह को हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस जगह का नाम पंचवटी होने के पीछे एक खास कारण माना जाता है। कहते है इस जगह पांच वट वृक्ष थे,
जिनकी वजह से इस जगह को पंचवटी कहा जाता है।
ग्रंथों के अनुसार, रावण की बहन शूर्पनखा ने इसी जगह पर राम-लक्ष्मण के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा था और देवी सीता को मारने की कोशिश की थी,
इसके बाद लक्ष्मण ने पंचवटी में ही पर शूर्पनखा की नाक काट दी थी। इसी बात का बदला लेने के लिए रावण ने सीता का हरण कर लिया था।
इस क्षेत्र का नाम नासिक पड़ने के पीछे का कारण भी यहां घटी घटना ही मानी जाती है। इसी क्षेत्र में लक्ष्मण द्वारा शूर्पनखा की नासिका यानी नाक काटे जाने की वजह _
से ये क्षेत्र नासिक के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
* पंचवटी - [[कोलकाता]] के पास दक्षिणेश्वर काली मन्दिर जहाँ [[रामकृष्ण परमहंस]] ने साधना की।
पंटवती में सुंदर नारायण नाम का एक मंदिर है। मंदिर के गर्भगृह में काले रंग की तीन मूर्तियां हैं,
जिसमें बीच में भगवान नारायण और उके आस-पास देवी लक्ष्मी की मूर्तियां हैं।
यह मंदिर अपनेआप में ही खास है,
क्योंकि इस मंदिर का निर्माण कुछ इस तरह किया गया है कि हर साल 20 या 21 मार्च को मूर्तियों के चरणों पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं।
पंचवटी में सुंदर-नारायण मंदिर से कुछ दूरी पर ही सीता गुफा है, जिसमें भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियां हैं।
कहते हैं कि दडकारण्य क्षेत्र से गुजरने के दौरान देवी सीता इसी गुफा में ठहरी थीं।
पंचवटी के मंदिरों में कालेराम नामक मंदिर प्रमुख मंदिर माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार,
जब श्रीराम पंचवटी आए थे, तब उन्होंने इसी जगह पर आराम किया था। मंदिर में भगवान राम,
लक्ष्मण और सीता की काले रंग की मूर्तियां स्थापित हैं।
पंचवटी से कुछ कि.मी. की दूरी पर जंगल में वो जगह है, जहां पर भगवान राम ने जटायु का अंतिम संस्कार किया था।
यहीं पर श्रीराम ने जटायु के तर्पण के लिए बाण मारकर
धरती से जल निकाला था,
जिसे सर्वतीर्थ कुंड कहा जाता है।
पंचवटी से लगभग 30 कि.मी. की दूरी पर ब्रह्मगिरि नाम का पर्वत है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी का उद्गम स्थान माना जाता है। गोदावरी पूजनीय और पवित्र नदी मानी गई है।
हवाई मार्ग- मुंबई से नासिक लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वायु मार्ग से मुंबई पहुंचने के बाद वहां से रेल, बस या टैक्सी द्वारा नासिक पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग- नासिक पहुंचने के लिए सभी बड़े शहरों से कई वाहन उपलब्ध हो सकते हैं।
* पंचवटी - [[मध्य प्रदेश]] का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
'''साहित्य''' में:
* पंचवटी - [[मैथिलीशरण गुप्त]] की काव्यरचना
{{बहुविकल्पी शब्द}}
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