"अमरकंटक": अवतरणों में अंतर

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== विवरण ==
अमरकंटक [[नर्मदा नदी]], [[सोन नदी]] और [[जोहिला नदी]] का उदगम स्थान है। यह [[हिन्दू|हिंदुओं]] का पवित्र स्थल है। मैकाल की पहाडि़यों में स्थित अमरकंटक मध्‍य प्रदेश के अनूपपुर जिले का लोकप्रिय हिन्‍दू तीर्थस्‍थल है। समुद्र तल से 1065 मीटर ऊंचे इस स्‍थान पर ही मध्‍य भारत के विंध्य और [[सतपुड़ा]] की पहाडि़यों का मेल होता है। चारों ओर से टीक और महुआ के पेड़ो से घिरे अमरकंटक से ही [[नर्मदा नदी|नर्मदा]] और [[सोन नदी]] की उत्‍पत्ति होती है। [[नर्मदा नदी]] यहां से पश्चिम की तरफ और [[सोन नदी]] पूर्व दिशा में बहती है। यहां के खूबसूरत झरने, पवित्र तालाब, ऊंची पहाडि़यों और शांत वातावरण सैलानियों को मंत्रमुग्‍ध कर देते हैं। प्रकृति प्रेमी और धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों को यह स्‍थान काफी पसंद आता है। अमरकंटक का बहुत सी परंपराओं और किवदंतियों से संबंध रहा है। कहा जाता है कि भगवान शिव की पुत्री नर्मदा जीवनदायिनी नदी के रूप में यहां से बहती है। माता नर्मदा को समर्पित यहां अनेक मंदिर बने हुए हैं, जिन्‍हें दुर्गा की प्रतिमूर्ति माना जाता है। अमरकंटक बहुत से आयुर्वेदिक पौधों के लिए भी प्रसिद्ध है‍, जिन्‍हें किंवदंतियों के अनुसार जीवनदायी गुणों से भरपूर माना जाता है।
इसके अलावा महादेव पहाड़ियाँ भारत की नर्मदा और ताप्ती नदियों के बीच स्थित हैं। ये २,००० से ३,००० फुट तक की ऊँचाई वाले पठार हैं, जो दक्कन के लावा से ढँके हैं। ये पहाड़ियाँ आद्य महाकल्प (Archaean Era) तथा गोंडवाना काल के लाल बलुआ पत्थरों द्वारा निर्मित हुई हैं। महादेव पहाड़ी के दक्षिण की ढालों पर मैंगनीज़ तथा छिंदवाड़ा के निकट पेंच घाटी से कुछ कोयला प्राप्त होता है। वेनगंगा एवं पेंच घाटी के थोड़े से चौड़े मैदानों में गेहूँ, ज्वार तथा कपास पैदा किए जाते हैं। पश्चिम ओर बुरहानपुर दरार में थोड़ी कृषि की जाती है। यहाँ आदिवासी गोंड जाति निवास करती है। घासवाले क्षेत्रों में पशुचारण होता है। यहाँ का प्रसिद्ध पहाड़ी क्षेत्र पंचमढ़ीमैकल पर्वत दूधधारा है। छिंदवाड़ाअमरकंटक छोटा नगर है।
 
== मुख्य आकर्षण ==