पदावली [[विद्यापति]] द्वारा चौदवींचौदहवीं सदी में रचा गया [[काव्य]] है। यह [[भक्ति]] और [[श्रृंगार]] का अनूठा संगम है। [[निराला]] ने पदावली की मादकता को [[नागिन]] की लहर कहा है। इसमें [[राधा]] और [[कृष्ण]] के [[प्रेम]] तथा उनके अपूर्व [[सौंदर्य]] चित्रों की भरमार है।