"ब्रह्म": अवतरणों में अंतर

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==अपरब्रह्म==
अपरब्रह्म ब्रह्म का वो रूप है, जिसमें अनन्त शुभ गुण हैं। वो पूजा का विषय है, इसलिये उसे ही [[ईश्वर]] माना जाता है। [[अद्वैत वेदान्त]] के मुताबिक ब्रह्म को जब इंसान मन और बुद्धि से जानने की कोशिश करता है, तो ब्रह्म [[माया]ज्ञान] की वजह से ईश्वर हो जाता है।
 
==इन्हें भी देखें==