"अम्लराज": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Aqua regia in Davenport Laboratories.jpg|right|thumb|300px|अम्लराज, निर्माण के तुरन्त बाद]]
'''अम्लराज''' या 'ऐक्वारेजिया' (Aqua regia) ('ऐक्वारेजिया' का शाब्दिक अर्थ है 'शाही जल') या नाइट्रो-हाइड्रोक्लोरिक अम्ल कई [[अम्ल|अम्लों]] का एक मिश्रण है। यह अत्यन्त संक्षारक (corrosive) अम्ल है। तुरन्त बना अम्लराज रंगहीन होता है किन्तु थोड़ी देर बाद इसका नारंगी हो जाता है। इससे धुँआ निकलता रहता है।
 
सांद्र [[नाइट्रिक अम्ल]] और [[हाइड्रोक्लोरिक अम्ल]] का ताजा मिश्रण ही अम्लराज है। इन्हें प्रायः १:३ के अनुपात में मिश्रित किया जाता है। इसे अम्लराज या 'ऐक्वारेजिया' नाम इसलिये दिया गया क्योंकि यह [[सोना|स्वर्ण]] और [[प्लैटिनम|प्लेटिनम]] आदि 'नोबल धातुओं' को भी गला देता है। तथापि [[टाइटेनियम|टाइटैनियम]], [[इरीडियम|इरिडियम]], रुथिनियम, टैटलम, ओस्मिअम, रोडियम तथा कुछ अन्य धातुओं को यह नहीं गला पाता है।पाता।
 
== अम्लराज का विघटन ==
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== उपयोग ==
अम्लाराज मुख्यतः
अम्लाराज मुख्यतः*(1) [[क्लोरोऔरिक अम्ल]] (chloroauric acid) के उत्पादन के लिये प्रयुक्त होता है जो [[वोलविल प्रक्रम]] (Wohlwill process) में प्रयुक्त [[विद्युत अपघट्य]] है। इसी प्रक्रम के द्वारा (1)उच्चतम शुद्धता (99.99 %) के [[स्वर्ण]] का शोधन किया जाता है।
 
*(12) अम्लराज का प्रयोग इचिंग (etching) और कुछ विशिष्ट वैश्लेषिक प्राक्रमों में भी होती है। कुछ

*(13) कुछ प्रयोगशालाओं में कांच के पात्रों पर लगे कार्बनिक यौगिकों एवं धातु-कणों को हटाने के लिये भी इसका प्रयोग किया जाता है।
 
== इतिहास ==
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== क्रियाएँ ==
=== स्वर्ण को घोलना (dissolving) ===
स्वर्ण को एक्वारेज़िया में डालने पर यह उसमें घुल जाता है, और घुलकर टेट्राक्लोरोआरिक क्लोराइड बनाता है, यह क्रिया दो पदों चरणों में पूरी होती है ।है।
 
Au+HNO3+3HCL====Aucl3+NO+H2O
: Au + HNO<sub>3</sub> + 3HCL → Aucl<sub>3</sub> + NO + H<sub>2</sub>O
 
Aucl<sub>3</sub> + HCL→ H[Aucl<sub>4</sub>]
Aucl3+HCL====H[Aucl4]
 
=== प्लेटिनम को घोलना ===